अपडेटेड 12 October 2024 at 14:30 IST
सब ठीक ठाक है... JPNIC के बहाने अखिलेश यादव ने टटोला CM नीतीश का मन, लेकिन JDU ने दिखा दिया आईना
अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार को जेपी आंदोलन की याद दिलाई और कहा कि बहुत से समाजवादी लोग सरकार में हैं और सरकार को चलने में मदद कर रहे हैं।
- भारत
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Akhilesh Yadav-Nitish Kumar: देश के राजनीति परिदृश्य में फिलहाल नरेंद्र मोदी सरकार में सब ठीक-ठाक है। 9 जून 2024 को प्रधानमंत्री की शपथ के बाद सकुशल सरकार ने अब तक 125 दिन पूरे कर लिए हैं। चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड का केंद्र की सरकार को समर्थन है। हालांकि विपक्ष इसको पचा नहीं पा रहा है। विपक्ष के नेता बार बार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को अपने पाले में लाने की कोशिश करते रहे हैं। हालिया राजनीतिक घटनाक्रम में एक कोशिश अखिलेश यादव ने की है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार का मन टटोला है। ये बात अलग है कि कामयाबी हाथ लगती दिखी नहीं है।
लखनऊ JPNIC के मुद्दे पर अखिलेश यादव लगातार बीजेपी की सरकार पर हमलावर हैं। पिछले दिन 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती थी। अखिलेश यादव ने लखनऊ JPNIC जाकर जेपी नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण का फैसला किया था, लेकिन उन्हें पहले ही इसकी इजाजत नहीं थी। इसी बहाने अखिलेश यादव ने जेपी नारायण के आंदोलन की याद दिलाने हुए नीतीश कुमार की ओर एक पासा फेंक दिया। अखिलेश ने नीतीश कुमार से एनडीए सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग कर डाली। उन्होंने इशारों-इशारों में नीतीश को NDA छोड़कर INDI गठबंधन की ओर आने का संकेत दिया। वो इसलिए कि नीतीश कुमार जेपी आंदोलन से ही निकले एक नेता हैं।
अखिलेश बोले- CM नीतीश मोदी सरकार से समर्थन वापस लें
सपा प्रमुख ने नीतीश कुमार को जेपी आंदोलन की याद दिलाई और कहा कि बहुत से समाजवादी लोग सरकार में हैं और सरकार को चलने में मदद कर रहे हैं। अपने बयान में उन्होंने कहा, 'बिहार के सीएम नीतीश कुमार उनके (जय प्रकाश नारायण) आंदोलन से उभरे हैं। वो ये देखें कि बीजेपी की सरकार किस तरह जेपी नारायण को भी श्रद्धांजलि नहीं देने दे रही है।' अखिलेश ने नीतीश से अपील की कि केंद्र में बीजेपी की सरकार से जदयू समर्थन वापस ले।
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अखिलेश को JDU ने दिखा दिया आईना
हालांकि नीतीश कुमार की पार्टी ने अखिलेश यादव को आईना दिखाया है। जदयू की ओर से प्रवक्ता राजीव रंजन ने शुरुआती मोर्चा संभाला और जवाब में कहा कि उनका (अखिलेश) का बयान हैरतअंगेज है। राजीव रंजन ने कहा कि क्या सिर्फ लोकनायक को श्रद्धांजलि तक ही अखिलेश यादव सीमित रखना चाहेंगे? जेपी नारायण आजीवन संघर्षरत रहे, उन्होंने परिवारवाद-वंशवाद और व्यवस्था परिवर्तन को लेकर जो आह्वान किया, अगर निस्वार्थ भी अखिलेश यादव ने उन जीवन मूल्यों को तरजीह दी तो एक परिवार का संपूर्ण आधिपत्य समाजवादी पार्टी पर नहीं रहेगा। राजीन रंजन ने कहा कि अखिलेश का बयान जेपी के जीवन मूल्यों के विपरीत है।
नीतीश पर क्यों विपक्ष की नजर?
2024 लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद नीतीश कुमार की भूमिका एक किंगमेकर की है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 240 सीटों पर जीत मिली, लेकिन अपने दम पर वो बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। इसके लिए बीजेपी को 272 सीटें चाहिए थीं। हालांकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास पूर्ण बहुमत के लिए पर्याप्त संख्याबल आया। एनडीए ने 293 सीटें सीटें जीती, जिसमें चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी की 16 और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड की 12 सीटें शामिल हैं। एक तरीके से इन दो सहयोगियों के दम पर ही केंद्र में बीजेपी की सरकार टिकी हुई है। फिलहाल नीतीश कुमार की ओर विपक्ष टकटकी लगाए इसलिए बैठा रहता है कि वो कई बार बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ चुके हैं।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 12 October 2024 at 14:30 IST