अपडेटेड 12 October 2024 at 10:56 IST
Rahul Gandhi : राहुल गांधी ने सितंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी ताकि कांग्रेस की डूबती नैया को सहारा मिल सके। मगर बीते 2 बरस में हालात ठीक उलट दिखे हैं। जब से भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी ने की तब से कांग्रेस ने कई चुनाव हारे हैं और मात्र 2 या 3 चुनाव बैसाखियों के साथ जीते हैं। इसी आधार पर हरियाणा की हार को इसमें शामिल कर लिया जाए तो कांग्रेस का ग्राफ और भी बिगड़ जाता है। साल दर साल ज्यादातर चुनावों में कांग्रेस पार्टी की मिट्टी पलीद होती रही है और इसी में हरियाणा की ताजा हार ने कांग्रेस के घावों पर नमक रगड़ने का और काम कर दिया।
मौजूदा स्थिति ये है कि 2024 का साल बीतने के करीब तक आते आते कांग्रेस पार्टी देश के महज 3 राज्यों तक सीमित रह चुकी है। इसमें राहुल गांधी की नाकामी कितनी है, ये कांग्रेस के लिए शोध का विषय है, लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि जब से कांग्रेस राहुल गांधी को फ्रंट पर रखकर चल रही है, पार्टी की हार का हिसाब-किताब बढ़ता गया है। फिलहाल यहां कांग्रेस के गिरते ग्राफ का आकलन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद से ही कर लें तो लोकसभा समेत 18 चुनावों में से 14 चुनाव कांग्रेस हारी है।
राहुल गांधी ने 2 बरसों में अलग-अलग दो यात्राएं कीं, जिसमें पहली भारत जोड़ो यात्रा थी। 7 सितंबर 2022 से शुरू होकर ये यात्रा 30 जनवरी 2023 तक 136 दिन चली। भारत के दक्षिणी सिरे पर कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर के श्रीनगर तक राहुल गांधी ने हजारों किमीमीटर का सफर तय किया। इसी का दूसरा पार्ट, जिसे भारत जोड़ो न्याय यात्रा कहा गया, वो 14 जनवरी 2024 से शुरू हुई और 20 मार्च 2024 को मुंबई में समाप्त हुई। राहुल की इन दो यात्राओं से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के दौरान संजीवनी जरूर मिली, लेकिन उसके बाद के पहले ही चुनाव में हरियाणा से कांग्रेस हार गई। ऐसे ही सितंबर 2022 के बाद हुए चुनावों में कांग्रेस की हार और जीत का आंकड़ा बताते हैं...
2014 से 2024 के बीच 62 विधानसभा चुनावों में से कांग्रेस पार्टी 47 चुनाव हारी। आंकड़े बताते हैं कि राज्यों में सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस ने 40 बार विधानसभा चुनावों का सामना किया और उनमें से महज चुनावों 7 में ही जीत मिल पाई। पिछले तीनों लोकसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी हारी है।
इन बातों को दरकिनार नहीं किया जा रहा है कि राहुल गांधी ने पहले 'भारत जोड़ो यात्रा' और फिर 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के जरिए अपनी छवि और कांग्रेस को मजबूत करने के लिए खूब मेहनत की। ये अलग बात है कि कांग्रेस बावजूद इसके सतही तौर पर पैर नहीं जमा पा रही है। ऐसे में कांग्रेस की हरियाणा में हार का ठीकरा विरोधी राहुल गांधी पर ही फोड़ते हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम, जो खुद कांग्रेस में रहे, वो कांग्रेस की बर्बादी के लिए राहुल गांधी जिम्मेदार मानते हैं। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला मानते हैं कि राहुल गांधी ने खुद जिस तरह भारत को तोड़ने के लिए 'तोड़ो और राज करो' वाली रणनीति अपनाई, हिंदू समाज को बांटने के लिए हथकंडे अपनाए, उससे लोग बहुत नाराज थे। बहरहाल, सवाल यही है कि क्या हरियाणा की हार के लिए भी राहुल गांधी ही असल जिम्मेदार हैं?
पब्लिश्ड 11 October 2024 at 17:37 IST