अपडेटेड 8 May 2025 at 20:41 IST
PAK की पोल खोलने वाली कर्नल सोफिया को विरासत में मिली देशभक्ति... परदादी ने रानी लक्ष्मीबाई के साथ लड़ी थी आजादी की लड़ाई
इस ऑपरेशन का अहम हिस्सा रहीं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी का नाता अंग्रेजों से लोहा लेने वाली देश की महान क्रांतिकारी रानी लक्ष्मी बाई से रहा है।
- भारत
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Lt Col Sophia Qureshi Connection with Rani Lakshmibai: 6 मई की रात को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिये पाकिस्तानी आतंकी कैंपों पर हमला कर 25 मिनट में 9 ठिकाने तबाह कर दिए। 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए इंडियन ऑर्मी ने पाकिस्तान में छिपे आतंकियों की कमर तोड़ दी। इस ऑपरेशन का अहम हिस्सा रहीं लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी का नाता अंग्रेजों से लोहा लेने वाली देश की महान क्रांतिकारी रानी लक्ष्मी बाई से रहा है। दरअसल कर्नल सोफिया की परदादी रानी लक्ष्मीबाई के साथ रहती थीं। वही रानी लक्ष्मीबाई, जिन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपनी बहादुरी से अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। ये जानकारी कर्नल सोफिया एक पुराने वायरल हो रहे वीडियो से सामने आई है जिसमें वो खुद ये बात कहते हुए दिखाई दे रही हैं कि उनकी परदादी रानी लक्ष्मीबाई के साथ रहती थीं।
पाकिस्तान पर किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता की जानकारी देने के लिए मीडिया के सामने जब एक महिला अधिकारी ने कॉन्फिडेंस के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की तब सबका ध्यान उस महिला की ओर गया। जिसका नाम कर्नल सोफिया कुरैशी है। सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की वो बहादुर अफसर जिनको देशभक्ति विरासत में मिली हुई है। सोफिया के दादा भी सेना में रह चुके थे और उनके पति आज भी फ्रंटलाइन पर एक यूनिट को कमांड करते हैं। वो मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में हैं और आने वाली हर चुनौतियों का बहुत ही बहादुरी से मुकाबला करते हैं। सोफिया का पूरा परिवार देश की सेवा को समर्पित है। देश की आजादी के लिए जिस जज्बे के साथ रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी, वही जुनून आज की कर्नल सोफिया में भी दिखाई देता है। कर्नल सोफिया के परिवार का ये इतिहास उन्हें आज की लक्ष्मीबाई बना देता है।
2018 से बनी चर्चा का विषय
गुजरात की रहने वाली कर्नल सोफिया पहली बार 2018 में चर्चा में आईं, जब उन्होंने पुणे में हुए आसियान देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया। अपने शानदार नेतृत्व और रणनीति से उन्होंने उस समय सभी का ध्यान खींचा और खूब सराहना पाई। सोफिया ने अपने नेतृत्व और रणनीति से सभी को प्रभावित किया था। उनकी कार्यशैली, निर्णय लेने की क्षमता और मैदान पर उनकी उपस्थिति ने यह साफ कर दिया कि वे सिर्फ एक सैन्य अधिकारी नहीं, बल्कि प्रेरणा का प्रतीक हैं। उस समय से ही वे भारत की उन महिला सैन्य अधिकारियों में गिनी जाने लगीं, जिन्होंने न सिर्फ परंपराएं तोड़ीं, बल्कि नए मानक भी स्थापित किए।
ऑपरेशन सिंदूर: जब भारत ने 25 मिनट में दुश्मनों को दिया करारा जवाब
7 मई की रात भारत पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे, जब पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत पर हमला करने की नापाक साजिश रची। लेकिन इस बार भारत तैयार था। जैसे ही खुफिया जानकारी मिली, भारतीय वायुसेना ने तेजी से कार्रवाई की। रात 1:05 बजे ऑपरेशन "सिंदूर" शुरू हुआ। यह ऑपरेशन केवल 25 मिनट चला, लेकिन इसका प्रभाव इतना जबरदस्त था कि दुश्मनों की कमर टूट गई। भारतीय वायुसेना के जांबाज जवानों ने एक के बाद एक 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। ये वे ठिकाने थे जहां भारत के खिलाफ साजिशें रची जा रही थीं। इस निर्णायक कार्रवाई की जानकारी सेना की वरिष्ठ अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया, 'यह ऑपरेशन न केवल भारत की ताकत का प्रतीक है, बल्कि यह भी संदेश है कि भारत अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा।'
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 8 May 2025 at 20:41 IST