अपडेटेड 7 May 2025 at 15:32 IST

Who is Vyomika Singh: कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह? 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों की खोली पोल

व्योमिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद भारतीय वायुसेना की चयन प्रक्रिया में भाग लिया। उन्होंने कठिन प्रशिक्षण और परीक्षा को पार करते हुए फाइटर पायलट बनीं।

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Who is Vyomika Singh: कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह? जिन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों की खोली पोल | Image: PIB/Republic

Who is Wing Commandor Vyomika Singh: विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की उन प्रेरणादायक महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलकर देश सेवा को अपना जीवन समर्पित कर दिया। बचपन से ही उन्हें आसमान में उड़ने का ख्वाब था। एक ऐसा सपना जिसे उन्होंने न सिर्फ जिया, बल्कि उसे अपनी पहचान बना लिया। अपने अदम्य साहस, गहरी निष्ठा और असाधारण नेतृत्व क्षमता के बल पर व्योमिका ने भारतीय वायुसेना में एक विशिष्ट स्थान हासिल किया है। उन्होंने यह साबित किया है कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। आज वे न केवल नई पीढ़ी की महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल हैं, बल्कि समस्त देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।  

विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की एक प्रेरणादायक अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने साहस, समर्पण और नेतृत्व क्षमता से न केवल आसमान में उड़ान भरी, बल्कि देश की सेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। व्योमिका का जन्म एक सैन्य परिवार में हुआ, जहां देशभक्ति और अनुशासन का माहौल था। बचपन से ही उन्हें आसमान में उड़ने का शौक था। उन्होंने तय किया कि वह भारतीय वायुसेना में शामिल होकर अपने सपने को साकार करें। व्योमिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद भारतीय वायुसेना की चयन प्रक्रिया में भाग लिया। उन्होंने कठिन प्रशिक्षण और परीक्षा को पार करते हुए फाइटर पायलट के रूप में अपनी पहचान बनाई। उनका समर्पण और मेहनत उन्हें इस पद तक पहुंचाने में सफल रहे।


करियर की प्रमुख उपलब्धियां

व्योमिका ने भारतीय वायुसेना में कई महत्वपूर्ण मिशनों में भाग लिया। उनकी नेतृत्व क्षमता और तकनीकी कौशल ने उन्हें एक उत्कृष्ट अधिकारी बना दिया। आइए एक नजर डालते हैं व्योमिका सिंह की करियर की उपलब्धियों पर

ऑपरेशन सिंदूर में भूमिकाः व्योमिका ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक की जानकारी साझा की। उन्होंने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि किस प्रकार भारतीय वायुसेना ने सटीकता से लक्ष्यों को भेदा और पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी हरकतों का परिणाम गंभीर होगा।

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शौर्य चक्र से सम्मानित: उनकी वीरता और साहस को मान्यता देते हुए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार भारतीय वायुसेना में उनके योगदान का प्रतीक है।

महिला सशक्तिकरण की प्रतीकः व्योमिका सिंह न केवल एक कुशल पायलट हैं, बल्कि महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। उन्होंने यह साबित किया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। उनकी कहानी देश की महिलाओं को अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा देती है।

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मीडिया में उपस्थितिः व्योमिका सिंह की प्रेस ब्रीफिंग्स और मीडिया इंटरैक्शन ने उन्हें एक सशक्त और प्रभावशाली वक्ता के रूप में स्थापित किया है। उनकी स्पष्टता, आत्मविश्वास और देशभक्ति की भावना ने उन्हें मीडिया में एक सम्मानित चेहरा बना दिया है।

महिलाओं की रोल मॉडल बनीं व्योमिका सिंहः विंग कमांडर व्योमिका सिंह की यात्रा एक उदाहरण है कि कैसे समर्पण, मेहनत और साहस से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। उनकी कहानी न केवल भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है।

2500 से ज्यादा घंटे तक फ्लाइट उड़ाने का अनुभव

व्योमिका सिंह अपने परिवार में सशस्त्र बलों में शामिल होने वाली पहली हैं। उन्हें भारतीय वायु सेना में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन दिया गया और 18 दिसंबर, 2019 को फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन मिला था। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने 2,500 से ज़्यादा घंटे फ्लाइट्स उड़ाने का अनुभव हासिल किया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर सहित कुछ सबसे कठिन इलाकों में चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों का संचालन किया है।


कई बचाव अभियानों में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

व्यामिका सिंह कई बचाव अभियानों में अहम भूमिका निभा चुकी हैं। अपनी ऑपरेशनल भूमिका के अलावा, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने उच्च सहनशक्ति मिशनों में भी भाग लिया है। 2021 में, वह माउंट मणिरंग पर तीनों सेनाओं के सभी महिला पर्वतारोहण अभियान में शामिल हुईं, जो 21,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस प्रयास को वायु सेना प्रमुख सहित वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने मान्यता दी थी।

यह भी पढ़ेंः सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के एयर स्ट्राइक से कितना अलग है ऑपरेशन सिंदूर?

Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 7 May 2025 at 13:53 IST