अपडेटेड 26 June 2024 at 14:59 IST

स्पीकर ओम बिरला ने इमरजेंसी की निंदा की तो भड़का विपक्ष, पक्ष-विपक्ष ने सदन में की जमकर नारेबाजी

25 जून को इमरजेंसी यानि आपातकाल की बरसी थी। भारतीय लोकतंत्र के काले अध्याय पर स्पीकर ओम बिरला ने निंदा की तो सदन में हंगामा मच गया।

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om birla on emergency
इमरजेंसी को बताया काला अध्याय | Image: x/ani

Om Birla On Emergency: स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिरला ने इमरजेंसी की निंदा की। उन्होंने कहा- इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर के बनाए संविधान का अपमान किया था। स्पीकर के प्रस्ताव रखते ही पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। स्पीकर ने इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 2 मिनट का मौन रखने को कहा।

बिरला के इस प्रस्ताव को कांग्रेस ने बीजेपी का एजेंडा करार दिया। मौन के बाद स्पीकर ने गुरुवार तक के लिए संसद को स्थगित कर दिया।

स्पीकर ने आपातकाल की निंदा की, पक्ष-विपक्ष ने नारेबाजी की

ओम बिरला ने कहा- यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने की निंदा करता है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर के संविधान का अपमान किया था। इंदिरा गांधी ने भारत पर तानाशाही थोपकर लोकतंत्र का अपमान किया गया। अभिव्यक्ति की आजादी छीनी गई। मीडिया पर अनेक पाबंदियां लगा दी गई थी। कई नेताओं को मीसा के तहत बंद किया। जैसे ही स्पीकर ने निंदा प्रस्ताव रखा, पक्ष और विपक्ष से नारेबाजी शुरू हो गई।

इमरजेंसी तानाशाही की भावना से...

बिरला ने आगे कहा- कांग्रेस सरकार ने इस दौर में ऐसे कई कार्य किए जिन्होंने संविधान की भावनाओं को कुचलने का काम किया। स्पीकर ने इस दौर में संविधान संशोधनों का जिक्र करते हुए कहा कि न्यायपालिका पर नियंत्रण हो और सारी शक्तियां एक व्यक्ति के पास आ जाए...इमरजेंसी तानाशाही की भावना से बड़ी चुनौतियों को लेकर आई। यह ऐसा कालाखंड है जो संविधान के ढांचे और न्यायिक स्वतंत्रता की आवश्यकता की याद दिलाता है। जब हम इमरजेंसी के 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये सभा बाबा साहब के बनाए हुए संविधान की रक्षा की भावना को दोहराती है। हम संवैधानिक संस्थाओं में भारत के लोगों की आस्था की सराहना करते हैं।

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इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वालों की याद में मौन

स्पीकर ओम बिरला इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वालों की याद में दो मिनट का मौन रखने को कहा। सत्ता पक्ष के सांसदों ने मौन रखा, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष के सांसद हंगामा करते रहे। कांग्रेस सांसदों का आरोप था कि स्पीकर भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं। मौन के बाद स्पीकर ने गुरुवार तक के लिए संसद को स्थगित कर दिया।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 26 June 2024 at 14:26 IST