अपडेटेड 19 October 2024 at 12:05 IST

Arunachal Pradesh के शिक्षा मंत्री ने की कम विद्यार्थियों वाले विद्यालयों के विलय की पैरवी

Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने कम विद्यार्थियों वाले विद्यालयों के विलय की पैरवी की है।

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Two children studying in a classroom
प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: Unsplash

Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री पासंग दोरजी सोना ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित जिन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या कम है, उनके विलय से सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में कई समस्याएं हल हो जाएंगी।

‘चिंतन शिविर’ की समीक्षा कर रहे मंत्री ने कहा कि विद्यालयों का विलय बुनियादी ढांचा, जमीन और मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के अनुसार किया जाना चाहिए।

सोना ने अपर सियांग जिले के मुख्यालय यिंगकियोंग का दौरा करते हुए शुक्रवार को कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य प्राथमिक स्तर के विद्यालयों का विलय करके प्रारंभिक स्तर से ही प्रत्येक बच्चे को अच्छी शिक्षा प्रदान करना और गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा एवं बेहतर मानव संसाधन प्रदान करना है।’’

शिक्षा विभाग ने अगस्त में तीन दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया था। इस बैठक के दौरान पक्षकारों ने राज्य में प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की रणनीतियों पर चर्चा की थी।

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अरुणाचल प्रदेश में निम्न प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के सरकार द्वारा संचालित 2,800 से अधिक विद्यालय हैं। इनमें से 7,600 से अधिक नियमित शिक्षक और सर्व शिक्षा अभियान के तहत 5,900 से अधिक शिक्षक हैं।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 414 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और 186 परा स्नातक शिक्षक (पीजीटी) की कमी है।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 19 October 2024 at 12:05 IST