अपडेटेड 2 July 2024 at 20:25 IST

Hathras Stampede: नैना देवी से हाथरस तक...देश में 2003 से अब तक भगदड़ की कितनी घटनाएं?पूरी टाइमलाइन

उत्तर प्रदेश के हाथरस में आयोजित सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हुए हैं।

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Stampede
Visuals from Hathras's Bhole baba Satsang | Image: Republic Digital

उत्तर प्रदेश के हाथरस में आयोजित सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हुए हैं। भारत में मंदिरों एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान भगदड़ होने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत की यह पहली घटना नहीं है।

महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में 2005 के दौरान हुई भगदड़ में 340 श्रद्धालुओं की मौत और 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर हुई भगदड़ में कम से कम 250 लोगों की मौत ऐसी ही कुछ बड़ी घटनाएं हैं।

हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में भी 2008 में ही धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में 162 लोगों की जान चली गई थी।

हाल के वर्षों में देश में मंदिरों और धार्मिक आयोजनों के दौरान भगदड़ की कुछ प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं।

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31 मार्च 2023 : इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन बावड़ी के ऊपर बनी स्लैब ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई।

1 जनवरी 2022 : जम्मू-कश्मीर स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए।

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14 जुलाई 2015 : आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी जिले में 'पुष्करम' उत्सव के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ से 27 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई तथा 20 अन्य घायल हो गए।

3 अक्टूबर 2014 : दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मचने से 32 लोगों की मौत हो गई और 26 अन्य घायल हो गए।

13 अक्टूबर 2013 : मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। भगदड़ की शुरुआत नदी के पुल टूटने की अफवाह से हुई जिसे श्रद्वालु पार कर रहे थे।

19 नवंबर 2012 : पटना में गंगा नदी के तट पर अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में लगभग 20 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

8 नवंबर 2011 : हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हरकी पैड़ी घाट पर मची भगदड़ में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई।

14 जनवरी 2011 : केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में एक जीप के सबरीमाला मंदिर के दर्शन कर लौट रहे तीर्थयात्रियों से टकरा जाने के कारण मची भगदड़ में कम से कम 104 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से अधिक घायल हो गए।

4 मार्च 2010 : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ मचने से लगभग 63 लोगों की मौत हो गई। लोग स्वयंभू धर्मगुरु द्वारा दान किए जा रहे कपड़े और भोजन लेने पहुंचे थे।

30 सितंबर 2008 : राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह के कारण मची भगदड़ में लगभग 250 श्रद्धालु मारे गए और 60 से अधिक घायल हो गए।

3 अगस्त 2008 : हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 162 लोगों की मौत हो गई, 47 घायल हो गए।

25 जनवरी 2005 : महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालुओं की कुचलकर मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए। यह दुर्घटना तब हुई जब कुछ लोग फिसलन भरी सीढ़ियों पर गिर गए।

27 अगस्त 2003 : महाराष्ट्र के नासिक जिले में सिंहस्थ कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ में 39 लोग मारे गए और लगभग 140 घायल हो गए।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 2 July 2024 at 19:59 IST