अपडेटेड 30 June 2024 at 17:43 IST
EXPLAINER: 1 जुलाई से बदल जाएगा देश का कानून, नए क्रिमिनल लॉ के लिए कितनी तैयार है सरकार? समझिए
New Criminal Law: 1 जुलाई से देश में 3 नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं।
- भारत
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New Criminal Law: 1 जुलाई से देश में 3 नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। इनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) शामिल हैं। आपको बता दें कि इसके साथ ही देश से अंग्रेजों के समय के कानून का काम खत्म हो जाएगा।
चूंकि, पुलिस कार्रवाई की धाराएं, अदालतों के फैसले सभी पुराने कानूनों पर आधारित हैं। ऐसे में हम अंदाजा लगा सकते हैं कि नए कानून को लागू करने में कितनी दिक्कतें आ सकती हैं। ऐसे में आइए समझते हैं कि कल यानी 1 जुलाई से नए क्रिमिनल लॉ को लागू करने के लिए सरकार कितनी तैयार है।
टेक में किए गए कई अपग्रेड
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने FIR के रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) एप्लिकेशन में 23 संशोधन किए हैं। कई सपोर्ट टीम और एक कॉल सेंटर स्थापित किया जा रहा है। एक मोबाइल वेब एप्लिकेशन और आपराधिक कानूनों का NCRB संकलन 14 मार्च को लॉन्च किया गया था।
ऑपरेशनल तैयारियां
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने आदेश दिया है कि नए कानूनों को 2024-25 शैक्षणिक वर्ष से विश्वविद्यालयों और कानूनी शिक्षा केंद्रों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग के पास अक्टूबर और मार्च के बीच कक्षा 6 से ऊपर की कक्षाओं के लिए विशेष मॉड्यूल होंगे।
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iGOT कर्मयोगी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत सिविल सेवा अधिकारियों को व्यापक मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। नए आपराधिक कानूनों पर तीन ट्रेनिंग कोर्स 21 फरवरी से iGOT पर एक क्यूरेटेड कार्यक्रम के रूप में पेश किए गए हैं और लगभग 2,18,000 अधिकारियों ने नामांकन किया है।
वेबिनार और ट्रेनिंग
UPSC ट्रेनिंग के लिए करोड़ों भारतीय की ड्रीम अकादमी लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी ने IAS/IPS/न्यायिक अधिकारियों और क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो, फॉरेंसिक लैब के लिए पांच दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया है।
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WCD मंत्रालय, ग्रामीण विकास, पंचायती राज ने लगभग 40 लाख जमीनी स्तर के पदाधिकारियों के लिए नए कानूनों पर 21 जून को एक हिंदी वेबिनार आयोजित किया था। 25 जून को अंग्रेजी में दूसरे वेबिनार में लगभग 50 लाख लोगों ने भाग लिया।
BPR&D पहले ही 250 ट्रेनिंग कोर्स/वेबिनार/सेमिनार आयोजित कर चुका है और 40,000 से अधिक अधिकारियों/कर्मियों को ट्रेन कर चुका है। क्षेत्रीय पदाधिकारियों के सवालों को हल करने के लिए कानून और पुलिस अधिकारियों के साथ एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।
चीफ जस्टिस भी कर चुके हैं कॉन्फ्रेंस
कानूनी मामलों के विभाग ने विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ चार कॉन्फ्रेंस आयोजित किए हैं, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, वरिष्ठ पुलिस कर्मियों और डोमेन एक्सपर्ट ने भाग लिया है।
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Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 30 June 2024 at 16:01 IST