sb.scorecardresearch

Published 10:16 IST, September 2nd 2024

पेंडिंग केसों को निपटाने के लिए CJI का महाप्लान, लॉ मिनिस्टर बोले-'अब नहीं मिलेगी तारीख पर तारीख'

देश के केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी अपनी बात रखी और सीजेआई के महाप्लान पर बोले कि अब लोगों को तारीख पर तारीख का सामना नहीं करना होगा।

Reported by: Ravindra Singh
Follow: Google News Icon
  • share
Constitution Is A Powerful Tool To Curb Disparity, Says CJI D Y Chandrachud
पेंडिंग केसों को निपटाने के लिए CJI का महाप्लान | Image: PTI

रविवार को भारत मंडपम में आयोजित जिला न्यायपलिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने देश की न्यायपालिका में पड़े पेंडिग केस को निपटाने को लेकर अपना प्लान बताया है। सीजेआई ने कहा कि देश की अदालतों में पड़े पेंडिंग केसों को हम तीन चरणों में खत्म करेंगे। सबसे पहले चरण में हम जिला स्तर लटके मामलों के मैनेजमेंट को लेकर कई समितियों का गठन करेंगे जो कि रूके हुए मामलो के रिकॉर्ड और उनकी स्थितियों की जांच करेंगे। वहीं इसी कार्यक्रम में देश के केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी अपनी बात रखी और सीजेआई के महाप्लान पर बोले कि अब लोगों को तारीख पर तारीख का सामना नहीं करना होगा।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि दूसरे चरण में हम उन मामलों का निपटारा करेंगे जो बीते 10 से 30 सालों से लंबित पड़े हैं। जबकि तीसरे चरण की बात की जाए तो इसमें आने वाली जनवरी 2025 से जून 2025 तक बीते दस सालों से ज्यादा समय से रुके हुए केसो की सुनवाई की जाए इसके लिए कई तरह की  तकनीक और डाटा मैनेजमेंट की आवश्यकता होगी। अभी कुछ ही दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की थी, जिसमें एक हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा करवाया गया था।


न्यायालयों की रीच बढ़ाने के लिए हो इन्फ्रास्ट्रक्चर का ऑडिट

चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे जिलों में महज 6.7 प्रतिशत इन्फ्रास्ट्रक्चर महिलाओं के अनुकूल है। हमें यह स्थिति बदलनी होगी। सीजेआई ने आगे यह भी कहा कि हमें यह स्थिति बदलनी होगी कि हमारे जिला कोर्ट में केवल 6.7 फीसदी इन्फ्रास्ट्रक्चर ही महिलाओं के अनुकूल है। आज के वक्त में जब कुछ राज्यों में भर्ती में 60 फीसदी से 70 फीसदी महिलाएं हैं तो क्या यह स्वीकार्य है। हमारी प्राथमिकता है कि न्यायालयों तक पहुंच को बढ़ाया जाए। इसके लिए हम इन्फ्रास्ट्रक्चर का ऑडिट करेंगे।


कानून मंत्री बोले - 'तारीख पर तारीख...'

वहीं, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की 75वीं वर्षगांठ का मनाया जाना हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने ये भी कहा कि यही वजह है कि भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। हमारे देश में एक अच्छी न्याय प्रणाली का होना काफी अहम है और ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम तारीख पर तारीख वाली पुरानी संस्कृति को बदलने का संकल्प लें।  


'भगवान के घर देर है अंधेर नहीं लेकिन कितनी देर? - द्रौपदी मुर्मू

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसी कार्यक्रम में न्याय व्यवस्था को लेकर कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, लेकिन देर कितनी हो सकती है? हमलोगों को सोचना चाहिए। इससे पहले भी राष्ट्रपति मुर्मू ने कोलकाता रेप केस पर दुख जताते हुए कहा था कि वो निराश और डरी हुई हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने महिलाओं के साथ हो रहे जघन्य अपराध को लेकर कहा, "भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, लेकिन देर कितनी हो सकती है? 32 साल ?, 12 साल ? , 20 साल ?, 10 साल ?, हम लोगों को सोचना चाहिए। जिसको 32 साल बाद न्याय मिलेगा, तब तक उनके चेहरे से मुस्कान ही खत्म हो जाएगी, जिंदगी ही खत्म हो जाएगी। इसके बारे में गहराई से सोचना चाहिए।"

यह भी पढ़ेंः 'भगवान के घर देर है,अंधेर नहीं, लेकिन...', रेप के फैसलों में देरी पर फूटा राष्ट्रपति का गुस्सा

Updated 10:16 IST, September 2nd 2024