अपडेटेड 12 April 2025 at 21:41 IST
बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ हो रही हिंसा के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, मुर्शिदाबाद में हो Central Forces की तैनाती
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य के लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करने के लिए मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की थी।
- भारत
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Calcutta High Court Big Decision on Murshidabad Riots: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर जारी हिंसा में कलकत्ता हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद के हिंसा वाले क्षेत्रों में केंद्रीय बलों (CRPF and CAPF) की तैनाती का आदेश दिया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य के लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करने के लिए मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की थी। कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की स्पेशल बेंच ने सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया। केंद्रीय बलों को राज्यों के साथ समन्वय में काम करना चाहिए। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक स्पेशल बेंच ने आज स्पष्ट किया कि यदि ऐसे आरोप सामने आते हैं तो अदालत क्या कार्रवाई करेगी? अदालत ने यह भी कहा कि स्थिति को समझने के बाद अन्य जिलों में भी सुरक्षा बल भेजे जा सकते हैं।
कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों और मुर्शिदाबाद जिले में लगातार बिगड़ती स्थिति को लेकर हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच में सुनवाई के दौरान राज्य में कानून-व्यवस्था का मुद्दा छाया रहा। सुनवाई की शुरुआत में ही वादी के वकील ने अदालत को बताया कि मुर्शिदाबाद हिंसा का केंद्र बना हुआ है, जहां इंटरनेट सेवा पिछले कुछ दिनों से ठप है और हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। वादी पक्ष ने अदालत से अपील की कि कई संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तत्काल तैनाती आवश्यक है। उनका कहना था कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाया गया, तो जानमाल के नुकसान की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। वकील ने विशेष रूप से धुलियान के एक वार्ड का उल्लेख किया, जहां कथित रूप से बमबारी की घटनाएं शुरू हो चुकी हैं।
हिंसा पर HC सख्त, जस्टिस सेन ने कहा – 'लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना राज्य की जिम्मेदारी'
राज्य के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर मुर्शिदाबाद में भड़क रही हिंसा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सुनवाई के दौरान जस्टिस सेन ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना राज्य सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अदालत ने राज्य सरकार से ताजा हालात पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। साथ ही अदालत ने यह भी जानना चाहा कि क्या जरूरत पड़ने पर केंद्रीय बलों से मदद लेने में कोई बाधा है। इस पर राज्य सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा गया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और फिलहाल केंद्रीय बलों की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने यह भी बताया कि वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौके पर तैनात हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। बावजूद इसके, अदालत ने निर्देश दिया है कि राज्य प्रशासन समय रहते सभी आवश्यक कदम उठाए ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा को रोका जा सके।
मुर्शिदाबाद में पिता-पुत्र की प्रदर्शनकारियों ने कर दी हत्या
वहीं हिंसा के इस माहौल से मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज से आई इस दिल दहला देने वाली वारदात से लोगों में खौफ भर गया है। यहां लूटपाट के इरादे से पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने एक ही परिवार के दो लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। लोकल सोर्सेज के मुताबिक, ये घटना उस समय हुई जब एक सशस्त्र बदमाशों का समूह मृतक के घर में घुस आया और लूटपाट शुरू कर दी। वारदात को अंजाम देने के दौरान जब घर के मुखिया और उनका बेटे ने जब बदमाशों का विरोध किया तो आरोपियों ने दोनों पर जानलेवा हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए फरक्का अस्पताल भेजा गया है। जानकारी के मुताबिक, दोनों के शरीर पर गहरी चोटों के कई निशान पाए गए हैं। परिजनों का आरोप है कि घटना के दौरान उन्होंने कई बार पुलिस को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सूचना मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया और भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है और सभी एंगल से जांच की जा रही है।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 12 April 2025 at 21:23 IST