Published 15:03 IST, September 5th 2024
Kolkata Rape Case: पीड़िता के बारे में सोशल मीडिया पर घटिया पोस्ट को लेकर CBI से रिपोर्ट तलब
Kolkata Rape Case: अदालत ने कहा कि इस तरह की घटिया टिप्पणी को समाज का कोई व्यक्ति स्वीकार नहीं करेगा।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित बलात्कार और हत्या की पीड़िता के बारे में सोशल मीडिया पर घटिया पोस्ट को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को 18 सितंबर तक रिपोर्ट देने को कहा है।
अदालत ने कहा कि इस तरह की घटिया टिप्पणी को समाज का कोई व्यक्ति स्वीकार नहीं करेगा। याचिकाकर्ता की ओर से दी गई आपत्तिजनक पोस्ट की प्रति में नजर आ रहा है कि सोशल मीडिया पर पीड़िता की तस्वीर के साथ घटिया टिप्पणियां की गई हैं।
सरकारी अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षु डॉक्टर का शव नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था, जिससे देश भर में आक्रोश फैला हुआ है। उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई अगस्त के दूसरे सप्ताह से मामले की जांच कर रही है।
जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया कि इस ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण एवं बर्बर घटना’’ के संदर्भ में सीबीआई को साइबर अपराध की जांच का निर्देश दिया जाए। अदालत ने केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक कुमार चक्रवर्ती से पूछा कि क्या वे इस तरह के पोस्ट को ब्लॉक करने का कोई तरीका खोज सकेंगे।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सीबीआई, कोलकाता के संयुक्त निदेशक को इस तरह के घटिया सोशल मीडिया पोस्ट के संदर्भ में याचिकाकर्ता की शिकायत की पड़ताल करने का निर्देश दिया।
नौ अगस्त को डॉक्टर से कथित बलात्कार-हत्या से संबंधित अन्य याचिकाओं के साथ ये जनहित याचिका पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए एक बार फिर सामने आने पर अदालत ने सीबीआई के संयुक्त निदेशक या किसी अन्य सक्षम अधिकारी को इस संबंध में 18 सितंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। पीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे।
आदेश जारी होने के बाद चक्रवर्ती ने अदालत को बताया कि इस तरह के साइबर अपराधों की जांच के लिए सीबीआई के पास अलग से कोई शाखा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों की निगरानी के लिए राज्य पुलिस के पास विशेष इकाई है। उन्होंने अदालत से अपील की कि पश्चिम बंगाल सरकार की साइबर अपराध शाखा को भी अलग से रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाए। अदालत ने कहा कि वह मामले में अगली सुनवाई के दौरान इस अनुरोध पर विचार करेगी।
Updated 15:03 IST, September 5th 2024