Published 13:29 IST, August 23rd 2024
Kolkata Doctor Case: जब CJI चंद्रचूड़ को अस्पताल के फर्श पर सोना पड़ा था...क्या है वो पूरा वाकया?
कोलकाता रेपकांड पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। पिछले दिन सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने वो वाकया बताया, जब उन्हें फर्श पर सोना पड़ा था।
Kolkata Doctor Rape Case: कोलकाता रेपकांड पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। पिछले दिन सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने वो वाकया बताया, जब उन्हें फर्श पर सोना पड़ा था। अपना उदाहरण देते हुए चीफ जस्टिस ने रेजिडेंट डॉक्टर्स से हड़ताल खत्म कर काम पर वापस लौटने का आग्रह किया था।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पिछले दिन कहा कि सुनवाई के दौरान वकीलों के तरफ से कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिसमें ड्यूटी के घंटों को रेगुलेट करने और मुआवजे के लिए फंड बनाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से गठित कमेटी इन सुझावों पर गौर करेगी। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय को आदेश दिया कि एक पोर्टल खोला जाए, जहां लोग सुझाव दे सकें।
CJI ने बताया वाकया- जब फर्श पर सोना पड़ा
रेजिडेंट डॉक्टर की तरफ से कहा गया कि उन्हें भी कमेटी में शामिल किया जाए। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कहा कि कमेटी में वो लोग हैं, जो लंबे समय से स्वास्थ्य के फील्ड में काम कर रहे हैं। डॉक्टर्स की मांग पर उन्होंने कहा कि आप निश्चित रहिए कमेटी आपकी बात भी सुनेगी। इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि हम जानते हैं कि डॉक्टर 36 घंटे काम कर रहे हैं। उन्होंने एक उदाहरण के रूप में कहा कि मैं खुद एक सरकारी अस्पताल में फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार थे। सीजेआई का कहना है कि उन्हें बहुत सारे ईमेल मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि बहुत प्रेशर है। 48 या 36 घंटे की ड्यूटी अच्छी नहीं है।
राज्य सरकारों को भी दिया SC ने निर्देश
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने ये भी कहा कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ये सुनिश्चित करें कि राज्य में स्थित चिकित्सा संस्थाओं में हिंसा की किसी भी आशंका को रोकें। डॉक्टर काम पर वापस जाने के लिए तैयार हैं, हालांकि ये बताया गया है कि राज्य सरकारें डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षा उपाय कर सकती हैं। हम निर्देश देते हैं कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करें। ये अभ्यास 1 हफ्ते में पूरा हो जाना चाहिए, राज्य 2 सप्ताह की अवधि के भीतर उचित कार्रवाई करेंगे।
Updated 13:29 IST, August 23rd 2024