अपडेटेड August 2nd 2024, 12:56 IST
Wayanad landslide: केरल के वायनाड में आए विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। अब तक इस भीषण त्रासदी से लगभग 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। बड़ी संख्या में अब भी लोग लापता हैं। लोग अपनों की तालाश में भटक रहे हैं तो कई लोग अस्पताल में जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं। कुदरत के कहर के बाद तबाही का जो मंजर है वो भी भयावह है। सेना, नौसेना, NDRF और स्थानीय प्रशासन का रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने और त्रासदी वाले गांवों से संपर्क जोड़ने के लिए सेना ने बेली बिज्र का निर्माण किया। मेटल से बने इस पुल का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया गया है। 190 फीट लंबा इस पुल का निर्माण रातभर में किया गया। कूदरत के कहर के बाद चूरलमाला और मुंदक्कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से खत्म हो गया है। रेस्क्यू के लिए यहां जाने में बहुत परेशानी हो रही थी। चूरलमाला से प्रभावित क्षेत्र मुंडक्कई तक भारी उपकरण ले जाने के लिए रातों-रात बेली बिज्र बनाया गया।
बता दें कि इस भीषण त्रासदी की घटना में वायनाड के चार गांव तबाह हो गए हैं। मृतकों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। मलबे से शवों का निकलने की सिलसिला जारी है। सेना, NDRF,SDRF समेत स्थानीय प्रशासन का भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला में रेस्क्यू अब भी जारी है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के ने बताया कि वर्तमान में मरने वालों की संख्या 308 है। इसमें बड़ी संख्या में महिला, बच्चे शामिल हैं।
केरल का खूबसूरत शहर वायनाड 30 जुलाई को कुदरती कहर से जागा। विनाशकारी भूस्खलन अपने साथ सब कुछ तबाह कर रहा था। हर तरफ लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही है। बारिश के बीच एक के बाद एक पहाड़ियां दरक रही थी। देखते ही देखते ही लोग काल के गाल में समा गए। वायनाड के चार गांव लगभग पूरी से तरह से मिट्टी में मिल गए हैं। इन गावों के मंजर आपके रूह को कंपा देगा। मलबे के अंदर से मानव शरीर के अंग मिल रही है। कहीं, मिट्टी में लिपटी हुई पूरे परिवार की फोटो फ्रेम तो कहीं,बिखरे खिलौने। ना जानें कई ऐसी चीजें मलबे से निकल रही है त्रासदी के पहले की कहानी बता रही है।
केरल पुलिस विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद से चलियार नदी में कोझिकोड शहर तक तलाश अभियान चलाया जा रहा है। पोथुकल से भी शव मिले थे। चलियार नदी के किनारे से लेकर कोझिकोड शहर तक के सभी पुलिस थानों को अपने-अपने इलाकों में तलाश अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। मलप्पुरम जिले में चलियार नदी के तट से भी शव मिले हैं।
वायनाड भूस्खलन हादसे के बाद व्यवसायी, मशहूर हस्तियां और संस्थाएं मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में लाखों-करोड़ों रुपये दान देने में जुटी है। वहीं, भूस्खलन के चौथे दिन शुक्रवार को बचावकर्मियों की 40 टीम ने एक बार फिर से बचाव अभियान शुरू किया। बेली ब्रिज का निर्माण पूरा होने से बचाव अभियान में तेजी आई है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों को छह जोन अट्टामाला और आरणमाला, मुंडक्कई, पुंचिरिमट्टम,वेल्लारीमाला गांव, जीवीएचएसएस वेल्लारीमाला में बांटा गया है।
पब्लिश्ड August 2nd 2024, 12:56 IST