अपडेटेड May 6th 2025, 07:39 IST
Kedarnath Yatra 24 Hour Ban on Horses and Mules: केदारनाथ यात्रा में इस्तेमाल होने वाले घोड़े-खच्चरों पर 24 घंटों के लिए बैन लगा दिया गया है। पशु पालन विभाग ने यह फैसला पशुओं में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस की शिकायत आने पर लिया है।
जान लें कि चारधामों में से केदारनाथ और यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए कई किलोमीटर लंबी कठिन पैदल यात्रा करनी पड़ती है। ऐसे में श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम बनाने के लिए घोड़े-खच्चरों का इस्तेमाल किया जाता है। इनके जरिये तीर्थयात्री घोड़े-खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक पहुंचते हैं।
जानकारी के अनुसार, आज, 6 मई को केंद्र सरकार ओर हरियाणा की टीमें केदारनाथ पहुंचकर पूरे मामले की जांच करेगी। दरअसल, सरकार ने केदारनाथ यात्रा रास्ते पर तीर्थयात्रियों को लाने-ले जाने में काम आने वाले घोड़े और खच्चरों की मौत के मामले को गंभीरता से लिया है। सोमवार को 6 और रविवार को 8 घोड़े-खच्चरों की मौत के बाद सचिव पशुपालन डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम रुद्रप्रयाग पहुंचे थे, जहां उन्होंने जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की थी। इसके बाद उन्होंने हालात को देखते हुए अगले 24 घंटे तक केदार यात्रा में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों पर रोक लगा दी।
सचिव पशुपालन डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने वीडियो जारी कर कहा, 'केदारनाथ यात्रा में काम में आने वाले घोड़े-खच्चरों की रविवार को 8 और सोमवार को 6 की मौत हो गई। उनकी मौत के पीछे क्या कारण रहा? उन्हें आगे कैसे बचाया जा सकता है? ये देखने के लिए हम आनन-फानन में यहां पहुंचे, जिससे की बीमारी को आगे फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए जा सकें। 6 मई को भारत सरकार से एक टीम आ रही है। यह टीम घोड़े-खच्चरों की संदिग्ध मौतों की जांच करेगी।'
उन्होंने आगे कहा, 'एक महीने पहले घोड़े-खच्चरों में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा के लक्षण मिले। इसे लेकर सीएम की ओर से हमें सख्त निर्देश मिले हैं। अप्रैल 4 को हमें इसकी सूचना मिली थी। इसके बाद 4 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच रिकॉर्ड 16,000 घोड़े-खच्चरों की जांच की गई। इन में से 152 पशु सीरो सैंपलिंग में पॉजिटिव पाए गए थे। फिर हमने आरटीपीसीआर किया जिसमें नेगेटिव आए। ऐसे में केदारनाथ यात्रा में उन्हीं घोड़ों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा जो पहले स्क्रीनिंग में नेगेटिव आए हो। अगर घोड़े पॉजिटीव आए हैं और स्क्रीनिंग के बाद उसके 15-16 दिन बीत चुके हैं, तो ही वो घोड़ा केदारनाथ यात्रा में काम में लिया जा सकता है।'
डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने आगे कहा, ‘अभी केदारनाथ यात्रा में इस्तेमाल में आने वाले जिन घोड़ों की मौत हुई है वो एक्वाइन इन्फ्लूएंजा की वजह से नहीं हुई है। वो मौतें किसी ओर बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से हुई हैं। भारत सरकार की टीम हमें जांच कर सूचित करेंगी कि आखिर उन घोड़ों की मौत किस वजह से हुई?’
बता दें कि केदारनाथ यात्रा में काम पर लगे सभी घोड़ों-खच्चरों की जांच की जा रही है। जिन पशुओं में नाक बहने के जैसे लक्षण पाए जाएंगे उनका आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाएगा। वहीं टेस्ट की रिपोर्ट आने तक इन सभी घोड़ों-खच्चरों को क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा। इसके अलावा रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दे दी जाएगी।
पब्लिश्ड May 6th 2025, 07:32 IST