अपडेटेड 2 July 2025 at 13:17 IST
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami: कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है, उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ रूट वाले रस्ते में आने वाले सभी ढाबे और रेस्टोरेंट मालिकों को बाहर सामने दिखने के लिए फूड लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए कहा है। इसको लेकर राज्य सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। जिसके बाद इस फैसले पर विपक्ष ने विरोध दर्ज कराया। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इसपर साफ बयान देते हुए कहा है कि भोजन शुद्ध और सुरक्षित हो ये हमारी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- 'कांवड़ यात्रा हमारी आस्था और श्रद्धा की यात्रा है, जिसमें हर साल लगभग चार करोड़ श्रद्धालु हरिद्वार और ऋषिकेश आते हैं। वे मां गंगा का पवित्र जल लेकर अपने-अपने क्षेत्र लौटते हैं। इस दौरान उन्हें शुद्ध और सुरक्षित भोजन मिले, यह हमारी जिम्मेदारी है।' सीएम धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है, ना कि किसी समुदाय विशेष को निशाना बनाने के लिए।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त आर. राजेश कुमार ने बताया कि कांवड़ रूट पर चल रहे सभी होटल, ढाबे, फूड स्टॉल और ठेले वालों को अपने लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ऐसी जगह चस्पा करना होगा, जहां ग्राहक उसे आसानी से देख सकें। इसके साथ ही, सभी दुकानों, ढाबों और रेस्टोरेंट्स को फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड भी लगाना होगा। नियम का उल्लंघन करने वालों पर फूड सेफ्टी एक्ट 2006 की धारा 55 के तहत ₹2 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की मिलावट, मानकों से छेड़छाड़ या अनाधिकृत खाद्य बिक्री की शिकायत पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सीएम धामी ने कहा, श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता है। मैं स्वयं सुरक्षा और सफाई की समीक्षा करूंगा।' कांवड़ यात्रा इस साल जुलाई के दूसरे सप्ताह से शुरू हो रही है और राज्य प्रशासन इसे भक्ति और व्यवस्था का संगम बनाने की दिशा में जुटा है।
पब्लिश्ड 2 July 2025 at 13:17 IST