अपडेटेड 2 June 2025 at 15:24 IST
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में जासूसी नेटवर्क पर बड़ा खुलासा हुआ है। एक एक कड़ी को जोड़कर भारतीय की खुफिया एजेंसियों ने पता लगाया है कि आपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से दर्जनों नंबर एक्टिव हुए थे। इन नंबर के जरिए लगातार पाकिस्तान में बातचीत हो रही थी। देश के अलग-अलग राज्यों से अब तक पुलिस और खुफिया एजेंसियों कथित तौर पर पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे दर्जनों लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं।
सूत्र बताते हैं कि खुफिया एजेंसियों के लिए हैरानी की बात ये थी कि जिस नंबर से पाकिस्तान से कॉल आ रहा था और जिस नंबर पर भारत में बात और मैसेजिंग हो रही थी, दोनों भारतीय सिम थे। ऐसे में खुफिया एजेंसियों का अलर्ट होना लाजमी था। खुफिया एजेंसी IB पिछले काफी समय से सर्विलांस कर रही थी। सूत्रों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कुछ ऐसे नंबर एक्टिव हुए, जो काफी समय से बंद थे। ये नंबर पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, दिल्ली, गुजरात और असम में एक्टिव थे। एन्क्रिप्टेड एप्प पर भी इन नंबर की गतिविधि बढ़ गई थी। पेमेंट गेटवे के जरिए पैसे भी इन्हीं नंबर पर गए थे। जिसके बाद इन नंबरों को ट्रैक किया गया और जासूसी नेटवर्क का खुलासा हुआ।
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया है कि IB ने इन सभी नंबर की जानकारी स्टेट पुलिस से शेयर की, जिसके बाद अलग-अलग लोकेशन से कई लोगों को गिरफ्तारी की गई। पुख्ता सबूत मिलने के बाद खुफिया एजेंसियों के इशारे पर अलग-अलग राज्य पुलिस हरियाणा से ज्योति मल्होत्रा (हिसार), देवेंद्र सिंह ढिल्लों (कैथल), अरमान और तारिक (नूंह) और नोमान इलाही पानीपत से पकड़े गए थे। पंजाब से सुखप्रीत सिंह (गुरदासपुर), कर्णबीर सिंह (गुरदासपुर), गजाला (अमृतसर), मालीर कोटला (अमृतसर), यमीन (अमृतसर), मालीर कोटला (अमृतसर), पलक शेर मसीह (अमृतसर), सुरा मसीह (अमृतसर), मोहम्मद अली मुर्तजा (जालंधर) से पकड़े गए। उत्तर प्रदेश से शहजाद (रामपुर), तोहफील (वाराणसी) से गिरफ्तार हुए। उसके अलावा मोहम्मद हारून दिल्ली से और 7 लोग इसी जासूसी नेटवर्क में असम से पकड़े गए थे।
पब्लिश्ड 2 June 2025 at 15:24 IST