अपडेटेड 2 August 2024 at 22:18 IST
झारखंड: विधानसभा ने लिया फैसला, राज्य से उत्खनित खनिजों पर उपकर लगाने संबंधी विधेयक को दी मंजूरी
महतो ने उपकर दरों के आधार पर सवाल उठाया और प्रस्ताव दिया कि उपकर से प्राप्त राजस्व का उपयोग विस्थापित लोगों के कल्याण और मुआवजे के लिए किया जाना चाहिए।
- भारत
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झारखंड विधानसभा ने शुक्रवार को राज्य के राजस्व में वृद्धि के उद्देश्य से उत्खनित खनिजों पर उपकर लगाने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी। उच्चतम न्यायालय ने 25 जुलाई को अपने फैसले में कहा था कि खनिज अधिकारों पर कर लगाने की विधायी शक्ति राज्यों के पास है। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद यह कदम उठाया गया है। राज्य के खनन मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने ‘झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक 2024’ पेश किया, जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।
विधायक विनोद कुमार सिंह ने दिया सुझाव...
विधेयक में प्रति मीट्रिक टन के आधार पर विभिन्न खनिजों के लिए अलग-अलग उपकर दरों का प्रस्ताव है। इसमें कोयला और लौह अयस्क पर 100 रुपये प्रति मीट्रिक टन, बॉक्साइट पर 70 रुपये तथा मैंगनीज अयस्क और अन्य खनिजों पर 50 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से उपकर लगाने का प्रस्ताव है। ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के विधायक लंबोदर महतो और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) के विधायक विनोद कुमार सिंह ने तकनीकी चिंताओं का हवाला देते हुए विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने का सुझाव दिया।
महतो ने उपकर दरों के आधार पर सवाल उठाया और प्रस्ताव दिया कि उपकर से प्राप्त राजस्व का उपयोग विस्थापित लोगों के कल्याण और मुआवजे के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकार को सुझाव दूंगा कि वह एक प्रावधान जोड़े कि उपकर से प्राप्त धन का उपयोग कल्याण और विस्थापित लोगों के लिए किया जाएगा।’’ सिंह ने दलील दी कि उपकर खनिजों के वजन के बजाय उनके बाजार मूल्य पर आधारित होना चाहिए।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव देते हुए कहा कि समय के साथ कई चीजें बदल जाती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए राज्य सरकार के पास यह अधिकार होना चाहिए कि वह अधिसूचना के ज़रिए कीमत में संशोधन कर सके।’’ ठाकुर ने झारखंड के लिए विधेयक के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य देश के खनिज संसाधनों में 40 प्रतिशत का योगदान देता है, फिर भी यह अल्पविकसित है। उन्होंने आश्वासन दिया कि व्यक्त की गई चिंताओं का समाधान किया गया है तथा संबंधित विभागों द्वारा विधेयक की समीक्षा की गई है।
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विधानसभा ने इसके अतिरिक्त नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी के विरोध के बावजूद झारखंड कारागार एवं सुधार सेवा विधेयक 2024 और झारखंड निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2024 सहित तीन अन्य विधेयकों को भी मंजूरी दे दी। बाउरी ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पार्टी के 18 विधायकों को निलंबित किए जाने की आलोचना करते हुए दावा किया कि उन्हें अपनी आपत्तियां व्यक्त करने का अवसर नहीं दिया गया।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 2 August 2024 at 22:18 IST