अपडेटेड 28 February 2025 at 09:54 IST
सावधान! दिल्ली में आतंकी बेच रहे शॉल, हजरत निजामुद्दीन से पकड़ा गया परवेज अहमद; आतंकवादियों को मुहैया कराता था फंड
जम्मू-कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस विंग (CIK) ने दिल्ली पुलिस की मदद से एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार किया है।
- भारत
- 3 min read

जम्मू-कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस विंग (CIK) ने दिल्ली पुलिस की मदद से एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार किया है। परवेज नाम का ये संदिग्ध आतंकी पिछले करीब 12 दिनों से दिल्ली के निजामुद्दीन के द फजर रेजीडेंसी में रह रहा था। पुलिस की मानें तो ये संदिग्ध आतंकी चंडीगढ़ से दिल्ली आया फिर एक गेस्ट हाउस में रुका। आरोपी परवेज का पूरा नाम परवेज अहमद खान उर्फ पीके उर्फ शेख तजम्मुल इस्लाम उर्फ खालिद है।
परवेज दिल्ली और चंडीगढ़ में शॉल बेचने का काम करता था। उसपर आरोप है कि पाकिस्तानी फंडिंग पर वो आतंकियों को लॉजिस्टिक और फंड मुहैया करवाता था। फिलहाल परवेज अहमद को ट्रांजिट रिमांड पर जम्मू कश्मीर पुलिस अपने साथ ले गई है। बीते साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर सीआईके के पुलिस स्टेशन में इसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसी हफ्ते जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली थी। पुलिस ने कश्मीर रीजन के कुपवाड़ा जिले में साल 2011 में दर्ज एक मामले में आतंकी ताहिर अहमद पीर और मोहम्मद रमजान गनी की लाखों रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इन संपत्तियों में 3 कनाल और 12 मरला जमीन शामिल है।
ISI की मदद से तैयार किया नेटवर्क
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कश्मीर में आतंकी फंडिंग के मामले में सीआईके ने गत वर्ष जनवरी में एक एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की थी। सीआईके को अपने तंत्र से पता चला था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों के सरगनाओं ने जम्मू कश्मीर में आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों के लिए पैसा उपलब्ध कराने का एक नया नेटवर्क तैयार किया है।
Advertisement
इस नेटवर्क में शामिल लोग दुबई, ओमान, सऊदी अरब, तुर्किये, पाकिस्तान और कई अन्य यूरोपीय मुल्कों से कश्मीर में विभिन्न माध्यमों से पैसा पहुंचाते हैं। इसके अलावा इस नेटवर्क के लोग कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के लिए पैसे के साथ-साथ अन्य साजो सामान भी जुटाते हैं। मामले की जांच के दौरान सीआईके को परवेज अहमद खान उर्फ पीके उर्फ शेख तजामुल इस्लाम और खालिद के बारे में पता चला।
कोड वर्ड से ऑपरेट करता था पूरा जाल
Advertisement
प्रवक्ता ने बताया कि शुरू के चंद महीनों के दौरान सीआईके का जांच दल परवेज उर्फ पीके को चिह्नित नहीं कर पा रहा था, क्योंकि वह कोड नाम से ऑपरेट करता था और कश्मीर में सक्रिय आतंकी फंडिंग नेटवर्क के अन्य लोगों के साथ बहुत कम सीधा संपर्क करता था। सीआईके ने उसके खिलाफ सभी तकनीकी व अन्य सबूत जमा किए और उसे चिह्नित कर लिया। उसे पूछताछ के लिए भी तलब किया गया और फिर वह अचानक ही गायब हो गया। उसे आभास हो गया था कि वह अब सीआइके की नजरों में आ चुका है और किसी भी समय पकड़ा जा सकता है।
परवेज अहमद अचानक श्रीनगर से गायब हो गया। उसने अपने परिजनों से भी फोन पर संपर्क काट दिया। सीआईके ने उसके खिलाफ स्थानीय अदालत से एक वारंट भी जारी कराया और उसे पकड़ने के लिए उसके कुछ करीबी रिश्तेदारों व दोस्तों की निगरानी शुरू कर दी। इसके साथ ही उसके व उसके करीबियों के इंटरनेट मीडिया पर एकाउंट की भी निगरानी रखी जाने लगी।
इस दौरान सीआईके को पता चला कि वह दिल्ली में कहीं छिपा हुआ है और अब वहां से किसी भी समय विदेश निकलने के लिए उचित अवसर की तलाश में है। सीआईके ने दिल्ल पुलिस को सूचित किया और उसे पकड़ने के लिए एक जाल बुना। सीआईके का एक दल गत दिनों दिल्ली पहुंचा और उसने दिल्ली पुलिस की मदद से उस जगह को चिह्नित किया, जहां परवेज अहमद खान उर्फ पीके रह रहा था। इसके बाद पीके को पकड़ लिया।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 28 February 2025 at 09:54 IST