अपडेटेड 26 September 2025 at 06:36 IST

'व्यापार अपना रास्ता खोज ही लेता है', ट्रंप टैरिफ के बीच जयशंकर की दो टूक; इशारों-इशारों में अमेरिका को खूब सुनाया

जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय सामने आई है जब अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इमिग्रेशन को लेकर सख्त रुख अपनाया है और एच-1बी वीजा पर 100,000 डॉलर की अतिरिक्त शुल्क व्यवस्था पेश की है।

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EAM S. Jaishankar at G20 Foreign Ministers’ Meeting in New York
EAM S. Jaishankar | Image: @DrSJaishankar

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि मौजूदा दौर में दुनिया को एक मजबूत और व्यापक वैश्विक कार्यबल की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कई देशों की राष्ट्रीय जनसांख्यिकी इतनी पर्याप्त नहीं है कि वे अकेले ही अपने श्रम बाजार की मांग को पूरा कर सकें। उनके अनुसार, इस हकीकत से मुंह मोड़ना किसी भी देश के लिए संभव नहीं है।

जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय सामने आई है जब अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इमिग्रेशन को लेकर सख्त रुख अपनाया है और एच-1बी वीजा पर 100,000 डॉलर की अतिरिक्त शुल्क व्यवस्था पेश की है। इस फैसले से खासतौर पर भारतीय पेशेवर प्रभावित होंगे, क्योंकि इस वीजा श्रेणी में उनका सबसे बड़ा हिस्सा है।

जयशंकर ने क्या कहा?

संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘एट द हार्ट ऑफ डेवलपमेंट: एड, ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी’ को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसा कार्यबल विकसित किया जाए, जो अधिक स्वीकार्य, दक्ष और समकालीन हो, जिसे फिर एक विकेंद्रीकृत वैश्विक ढांचे में सहज रूप से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा, “यह बहस का विषय हो सकता है कि उस कार्यबल की तैनाती कहां हो और उसे कैसे समायोजित किया जाए, लेकिन इसकी आवश्यकता से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता। वास्तविक स्थिति यही है कि कई देशों में स्थानीय आबादी इस आवश्यकता को पूरा नहीं कर सकती।”

'व्यापार हमेशा अपना रास्ता खोज लेता है'

जयशंकर ने माना कि आज अंतरराष्ट्रीय व्यापार और सहयोग की तस्वीर तेजी से बदल रही है। उन्होंने कहा कि बदलते हालात में देश नए तरह के समझौते करेंगे और कई बार ऐसे फैसले लेंगे, जो सामान्य परिस्थितियों में संभव नहीं होते। देशों को नई साझेदारियों और नए क्षेत्रों की खोज के लिए आगे आना होगा, और कई बार मौजूदा परिस्थितियां उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर भी करेंगी।

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विदेश मंत्री ने यह भी जोड़ा कि भले ही आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और अप्रत्याशित स्थितियां मौजूद हैं, लेकिन इतिहास गवाह है कि व्यापार हमेशा अपना रास्ता खोज लेता है। उनके अनुसार, वर्तमान दौर में व्यापार करना पहले की तुलना में कहीं अधिक सरल है। बेहतर सड़कें, बेहतर समुद्री परिवहन व्यवस्था और डिजिटल प्रगति ने इस प्रक्रिया को पहले से कहीं आसान बना दिया है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 26 September 2025 at 06:36 IST