Published 22:16 IST, October 11th 2024
'मदरसा शिक्षकों के मानदेय और वेतन में बढ़ोतरी क्या ‘वोट जिहाद’ नहीं', राउत ने शिंदे सरकार से पूछा
संजय राउत ने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि मदरसा शिक्षकों के मानदेय और वेतन में बढ़ोतरी करने का फैसला क्या ‘वोट जिहाद’ नहीं है।
Sanjay Raut: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि मदरसा शिक्षकों के मानदेय और वेतन में बढ़ोतरी करने का फैसला क्या ‘वोट जिहाद’ नहीं है।
राउत ने आरोप लगाया कि ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना’ जैसी योजनाओं का कार्यान्वयन और मौलाना आजाद वित्तीय निगम की कार्यशील पूंजी को 700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये किया जाना चुनावी गणित को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा
महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है। राउत ने कहा, ‘‘क्या यह (लाडकी बहिन जैसी योजनाएं और मदरसा शिक्षकों के वेतन में वृद्धि) ‘वोट जिहाद’ नहीं है? बच्चों को पढ़ाने वालों का वेतन बढ़ना चाहिए, लेकिन अगर हमने ऐसा किया होता, तो वे (भाजपा) इसे ‘वोट जिहाद’ कहते।’’
'मानदेय को आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया'
कांग्रेस नेता नसीम खान ने कहा कि मदरसा शिक्षकों के मानदेय और वेतन में बढ़ोतरी का कदम आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर उठाया गया है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘भाजपा अपने उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है जो मुसलमानों को धमकी दे रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि मानदेय और वेतन के साथ-साथ मौलाना आजाद वित्तीय निगम की कार्यशील पूंजी में बढ़ोतरी का निर्णय मुसलमानों के उत्थान के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भाजपा उतना खराब प्रदर्शन न करे जितना कि 2024 के लोकसभा चुनाव में किया। खान ने कहा, ‘‘हालांकि, इन सभी (मकसद) के बावजूद हम दोनों फैसलों का स्वागत करते हैं। लेकिन महाराष्ट्र चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन की हार की उलटी गिनती शुरू हो गई है।’’
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने राउत पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार ने उद्धव ठाकरे और संजय राउत का वेतन नहीं बढ़ाया है, जिनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में ‘वोट जिहाद’ का सहारा लिया था।
सोमैया ने दावा किया कि जब स्वास्थ्य और शिक्षा की बात आती है, तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महायुति सरकार धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करती है। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने डीएड डिग्री वाले मदरसा शिक्षकों का मानदेय 6,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये, जबकि बीए, बीएड बीएससी डिग्री वाले शिक्षकों का मानदेय 8,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये करने का फैसला किया है।
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Updated 22:16 IST, October 11th 2024