अपडेटेड 3 May 2024 at 21:23 IST

क्या ईरान-इजरायल में फिर जंग के आसार? विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के लिए जारी कर दी एडवाइजरी

MEA Travel Advisory: विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है।

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MEA Spokesperson Randhir Jaiswal
MEA Spokesperson Randhir Jaiswal | Image: ANI

MEA Travel Advisory: विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय ने कहा- 'हम क्षेत्र की स्थिति पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेंगे। हमने यह भी देखा है कि ईरान और इजरायल ने कई दिनों से अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया है। हम भारतीय नागरिकों को इन देशों की यात्रा करते समय सतर्क रहने और भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की सलाह देते हैं।'

'गाजा में जो विध्वंस हुआ...': UN

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इजराइल के हमले की वजह से गाजा में जैसा विध्वंस हुआ है वैसा दुनिया ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नहीं देखा था। विश्व निकाय ने यह भी कहा कि अगर लड़ाई आज खत्म हो जाए तो इजराइल की बमबारी और जमीनी हमले में तबाह हुए मकानों के पुन:निर्माण में कम से कम 2040 तक का समय लगेगा।

संयुक्त राष्ट्र के बृहस्पतिवार को जारी एक आकलन में कहा गया है कि सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में हमास के अचानक किए गए हमले के बाद शुरू हुए युद्ध का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है।

इसमें कहा गया है कि गाजा की करीब 23 लाख आबादी का पांच प्रतिशत इतने कम समय में हताहत हुआ और यह अप्रत्याशित है। आकलन के अनुसार, अप्रैल के मध्य तक 33,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए थे और 80,000 से अधिक घायल हुए थे। लगभग 7,000 अन्य लोग लापता हैं, और माना जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर लोग मलबे में दब गए।

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अर्थव्यवस्था में 81 प्रतिशत की गिरावट

यूएनडीपी और पश्चिमी एशिया के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग की रिपोर्ट से पता चलता है कि गाजा में लोगों को किस तरह का भयावह संघर्ष करना पड़ रहा है। युद्ध शुरू होने के बाद से यहां 2,01,000 लोगों की नौकरियां चली गई हैं। यहां 2023 की आखिरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 81 प्रतिशत की गिरावट आई है।

अरब देशों के लिए यूएनडीपी के क्षेत्रीय निदेशक अब्दुल्ला अल दरदारी ने संयुक्त राष्ट्र के एक संवाददाता सम्मेलन में रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि अनुमान है कि इस युद्ध में गाजा में लगभग 50 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश नष्ट हो गया है, और 18 लाख फलस्तीनी गरीबी में चले गए हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक 20 साल से अधिक पीछे जा चुका है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2024 में गाजा की जीडीपी 51 फीसदी तक घट सकती है। नुकसान का दायरा और भी बढ़ने की आशंका जताई गई है क्योंकि अभी युद्ध जारी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा में कम से कम 3,70,000 आवास इकाइयां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इनमें से 79,000 पूरी तरह से नष्ट हो गईं। व्यावसायिक इमारतें भी इनमें शामिल हैं।

(PTI इनपुट के साथ)

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 3 May 2024 at 17:19 IST