अपडेटेड 24 June 2025 at 11:59 IST
'सिर के ऊपर से गुजरी मिसाइलें, बंकर की ओर भागे', तिरंगा थामे इजरायल से लौटे भारतीयों ने सुनाई जंग की खौफनाक दास्तां
Israel-Iran War: युद्ध के बीच 161 भारतीयों को लेकर पहली फ्लाइट इजरायल से दिल्ली पहुंची। स्वदेश लौटकर भारतीयों ने जंग के दौरान का आंखों देखा हाल बताया और बताया कि उस वक्त हालात कितने खौफनाक थे।
- भारत
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Operation Sindhu: इजरायल और ईरान के बीच 12 दिनों से चला आ रहा युद्ध आखिरकार खत्म हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनने का ऐलान कर दिया। इस बीच इजरायल और ईरान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार ने स्पेशल मिशन चलाया, जिसको नाम दिया गया "ऑपरेशन सिंधु।" इस मिशन के तहत इजरायल और ईरान से भारतीयों को लेकर एक-एक फ्लाइट दिल्ली पहुंची।
मंगलवार (24 जून) को ईरान से 292 भारतीयों को लेकर फ्लाइट दिल्ली लैंड हुई। वहीं, इजरायल से भी 161 भारतीय भारत लौटे हैं। इस दौरान भारत लौटकर लोगों से वहां के हाल बयां किए।
161 भारतीयों को लेकर दिल्ली लैंड हुई फ्लाइट
आज सुबह इजरायल से 161 भारतीयों को लेकर फ्लाइट की दिल्ली में लैंडिंग हुई, जहां उनका स्वागत किया गया। हाथों में तिरंगा लिए और चेहरे पर मुस्कान किए लोग स्वदेश पहुंचे। उन्हें युद्धग्रस्त देश से सुरक्षित लौटने की खुशी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर कुछ तस्वीरें शेयर की।
भारतीयों ने बताए युद्ध के वक्त कैसे थे इजरायल में हालात?
इजरायल से दिल्ली आए अरविंद शुक्ला नाम के शख्स ने बताया, "हमारी फ्लाइट जॉर्डन से उड़ी थी। मैं पिछले साल सितंबर में वहां गया था। वहां स्थिति अच्छी नहीं थी। हमने अपने सिर के ऊपर से मिसाइलों को जाते हुए देखा। यह बहुत डरावना था। हम एक हॉस्टल में रह रहे थे। हम सारी रात सायरन सुनते रहते थे और हम बंकरों की ओर भागते थे। दूसरी जगहों की तुलना में जहां मैं था, वहां की स्थिति थोड़ी बेहतर थी। मैं यरुशलम में था। फिर भी, यह डरावना था।"
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उन्होंने भारत सरकार का आभार जताते हुए कहा, "160 लोगों को एक चैनलाइज तरीके से निकालना बहुत अच्छा था। हमें खाना, पानी और सभी सुविधाएं दी गई। उड़ान में थोड़ी देरी हुई क्योंकि हवाई क्षेत्र में समस्या थी लेकिन कोई और परेशानी नहीं थी। दूतावास के लोग बहुत अच्छे हैं, उन्होंने हमारी बहुत मदद की। हम उनके बहुत आभारी हैं।"
‘भारतीय होने पर गर्व…’
दूसरे शख्स ने बताया कि किस तरह से इजरायल से निकालकर उन्हें भारत वापस लाया गया। उन्होंने कहा, "हम 22 जून को निकले थे। स्थिति बहुत खराब थी। भारतीय दूतावास और सरकार हमारे संपर्क में थे। हमें वहां से निकाला गया और हम भारत सरकार और दूतावास को धन्यवाद देना चाहेंगे, क्योंकि स्थिति सच में बहुत खराब थी। हम भारतीय नागरिक होने पर गर्व महसूस करते हैं। जिस तरह से हमें निकाला गया वह बहुत ही अच्छा था।"
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उन्होंने बताया कि हम इजराइल में थे और वहां से जॉर्डन, फिर कुवैत और आखिरकार अब यहां हैं...हमारी फ्लाइट का रास्ता भी बदला गया क्योंकि संघर्ष शुरू हो गया था और हम फ्लाइट में थे। हम कुवैत लौट आए और फिर हमने (भारत के लिए) फिर से उड़ान भरी। हमारा ध्यान रखा गया, इसलिए हम दूतावास और भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहेंगे।"
'धमाकों की सुनी आवाज, बहुत डर गए थे'
इजराइल से निकाले गए 161 भारीतीयों में एक बुजुर्ग दंपत्ति भी शामिल है। उन्होंने बताया कि किस तरह वो अपने नवजात पोते से मिलने वहां गए और इस बीच ही युद्ध शुरू हो गया। त्रयंबक कोली नाम के शख्स ने ब ताया, "मुझे इजराइल गए हुए डेढ़ महीने हो गए थे। वहां अचानक स्थिति बिगड़ गई। हम दिन के किसी भी समय धमाकों की आवाज सुन सकते थे। हम डर गए थे। अब हम वापस आ गए हैं।" उन्होंने सुरक्षित वापसी के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया।
वहीं उनकी पत्नी ने कहा, "हमने आसमान में बम (मिसाइल) देखें। उनमें से छह हमारे सिर के ऊपर से गुजरे। हम छिप गए थे।"
ट्रंप ने किया सीजफायर का ऐलान
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बताया कि दोनों देश इसके लिए तैयार हो गए हैं। इससे पहले अमेरिकी हमलों के जवाब में बीती रात ईरान ने कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर अटैक किया था। हालांकि अमेरिका का कहना है कि उसे इस हमले से न के बराबर नुकसान हुआ।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 24 June 2025 at 11:59 IST