अपडेटेड 15 May 2025 at 00:11 IST
दोस्ती भूल गया Turkey? 1970 से उठा रहा दोस्ती का फायदा, अब Pakistan के चक्कर में झेलना होगा इतने हजार करोड़ का नुकसान
बॉयकॉट कैंपेन के बाद टूरिस्ट्स ने फ्लाइट्स और होटल की बुकिंग कैंसिल करनी शुरू करदी है। पर्यटन का तुर्किए की GDP में करीब 12% और रोजगार में 10% का योगदान है। वहीं अजरबैजान में भी ये स्थिति है।
- भारत
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Boycott Turkey News : ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए ने खुलकर ना सिर्फ पाकिस्तान का समर्थन किया बल्कि उसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए अपने ड्रोन भेजे। भारत में आतंकवाद फैलाने वाले 'आतंकिस्तान' का साथ देने पर अब भारत में दुश्मन देश के दोस्तों पर ट्रेड स्ट्राइक होने लगी है। लोगों में तुर्किए और अजरबैजान को लेकर गुस्सा है। भारत में दोनों देशों के खिलाफ बॉयकॉट कैंपेन ने जोर पकड़ लिया है।
तुर्किए पर जब भी मुसीबत टूटी, तो भारत ने सब भुलाकर सबसे पहले मदद की है। बावजूद इसके तुर्किए ने कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को अपने ड्रोन मुहैया कराए। जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया। भारत का साथ देने के बजाय पाकिस्तान की साथ जाकर खड़ा हो गया और अब उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। जिस तरह तुर्किए और अजरबैजान ने पाकिस्तान का साथ दिया उसके बाद भारत के व्यापारियों, ट्रैवल एंजेंसियों और आम नागरिकों ने सबक सिखाने की ठान ली है।
- तुर्किए से आने वाले सामान का बायकॉट
- टूरिस्ट्स ने बुकिंग कैंसिल की
- फ्लाइट्स-होटल बुकिंग कैंसिल
- मसाला, मेवा व्यापारियों का बहिष्कार
हजारों करोड़ का होगा नुकसान
तुर्किए से बड़ी तादाद में सेब का आयात होता था, लेकिन गाजियाबाद के फ्रूट व्यापारियों ने तुर्किए को झटका देते हुए करीब 1200 करोड़ की डील कैंसिल कर दी है। ताकि उसे सबक सिखाया जा सके। महाराष्ट्र के पुणे में व्यापारियों ने तुर्किए का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। पुणे के मसाला व्यापारी हों या फिर सूखे मेवे के व्यापारी। सभी ने मिलकर सामान का इंपोर्ट करने से इनकार कर दिया है।
स्पाइस एंड ड्राई फ्रूट्स एसोसिएशन के समिति सदस्य और पूना मर्चेंट्स चैंबर्स के निदेशक नवीन गोयल कहते हैं- "हम तुर्किए से कुछ ड्राई फ्रूट्स आयात करते थे। अब हम इसका पूर्ण रूप से बहिष्कार करते हैं। 100-200 करोड़ रुपए से अधिक का लेन-देन हर महीने पुणे में होता था। पूरे महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 1000-2000 करोड़ रुपए होगा और पूरे भारत में तुर्किए से 10,000-20,000 करोड़ रुपए का आयात होता है। अगर इन सबका बहिष्कार किया जाता है, तो तुर्की को बहुत बड़ा नुकसान होगा और उसे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।"
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भारत ने दिया था तुर्किए को सहारा
मुस्लिम देश तुर्किए भारत का पड़ोसी नहीं है, भारत से उसकी दूरी करीब 4 हजार किलोमीटर की है। इसके बाद भी भारत ने तुर्किए को हर मुश्किल में मदद दी है। 2 साल पहले जब तुर्किए में भूकंप से तबाही मची थी, तो 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत भारत ने सबसे पहले मदद पहुंचाई थी। भारत ने दवाओं और खाने-पीने के सामान के साथ-साथ NDRF की कई टीमें भेजी थी।
इसके अलावा कोरोना महामारी में भी मोदी सराकर ने साथ दिया था। कोरोना संकट में जब अमेरिका ने मुंह फेर लिया था, तो भारत ने वैक्सीन और दवाओं की बड़ी खेप भेजी थी। 1970 के दशक से तुर्किए को खेती-किसानी में भी भारत ने ही मदद की थी। कुर्द अलगाववादियों के खिलाफ लड़ाई में भी साथ दिया, इतना ही नहीं यूरोपीय संघ में शामिल होने का समर्थन भी किया। यानी तुर्किए को भारत ने किसी भी तरह से दुश्मन या विरोधी नहीं माना, फिर भारत के खिलाफ पाकिस्तान का खुलकर साथ देना हैरानी वाला है।
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दोस्ती भूल गया तुर्किए?
तुर्किए को ना सिर्फ भारत से व्यापार में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, बल्कि टूरिज्म सेक्टर में भी तुर्किए को भारतीयों की तरफ से बड़ा झटका लगना शुरू हो गया है। भारत से बड़ी मात्रा में लोग तुर्किए घूमने जाते हैं, जिससे तुर्किए की इकोनॉमी को बूम मिलता है। लेकिन जबसे तुर्किए का धोखेबाज चेहरा सामने आया है, तबसे भारतीयों ने तुर्किए का बॉयकॉट शुरू कर दिया है। लोग अपनी तुर्किए की टिकट कैंसिल करने लगे हैं।
2023-24 में भारत ने तुर्किए को करीब 6.65 बिलियन डॉलर का सामान बेचा था और 3.78 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा। भारत, तुर्किए को गाड़ियां, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक सामान भेजता है और तुर्किए से फ्यूल, सीमेंट और ड्राय फ्रूटस जैसे सामान इंपोर्ट करता है। 2000 से 2023 तक तुर्किए का भारत में FDI 227.5 मिलियन डॉलर रहा। 2000 से 2024 के बीच तुर्किए में लगभग 200 मिलियन डॉलर का निवेश किया।
पर्यटन पर टिकी अर्थव्यवस्था!
बॉयकॉट कैंपेन के बाद टूरिस्ट्स ने फ्लाइट्स और होटल की बुकिंग कैंसिल करनी शुरू करदी है। पर्यटन का तुर्किए की GDP में करीब 12% और रोजगार में 10% का योगदान है। वहीं अजरबैजान में भी ये स्थिति है। अजरबैजान की GDP में पर्यटन की हिस्सेदारी करीब 12% और रोजगार में 10% का योगदान है।
अजरबैजान गए भारतीय
- 2024 में 243,589
- 2023 में 117,302
- 2022 में 60,731
भारत और अजरबैजान के संबंध
पूर्वी यूरोप और एशिया के मध्य में बसे अजरबैजान से भारत कच्चा तेल खरीदता है। 2023 में भारत तेल खरीदने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश था। भारत ने 1.227 बिलियन डॉलर का कच्चा तेल खरीदा था। 2005 में दोनों देशों के बीच करीब 50 मिलियन डॉलर का व्यापार हुआ। 2023 में ये बढ़कर 1.435 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। भारत ने अजरबैजान से 1.235 बिलियन डॉलर का सामान खरीदा और 201 मिलियन डॉलर के उत्पाद अजरबैजान का बेचे।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 15 May 2025 at 00:11 IST