अपडेटेड 1 February 2024 at 17:06 IST

Indian Navy ने साल 2024 को घोषित किया 'नौसेना नागरिकों का वर्ष', जानिए क्यों है जरूरी

Indian Navy: भारतीय नौसेना ने साल 2024 को 'नौसेना नागरिकों का वर्ष' घोषित कर दिया है।

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Indian Navy has declared 2024 as
साल 2024 नौसेना नागरिकों का वर्ष घोषित | Image: ANI

Indian Navy: भारतीय नौसेना ने समयबद्ध तरीके से नागरिक मानव संसाधन प्रबंधन के सभी पहलुओं को संबोधित करके नौसेना नागरिकों के प्रशासन, दक्षता और कल्याण में सुधार के लिए 2024 को 'नौसेना नागरिकों का वर्ष' घोषित किया है।

इंडियन नेवी ने कहा है कि 2024 में कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक दक्षता, डिजिटल पहल, सामान्य और विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कल्याणकारी गतिविधियों को अधिकतम करने की दिशा में प्रमुख फोकस क्षेत्रों की पहचान की गई है।

19 पाकिस्तानियों को बचाया

इससे पहले भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘आईएनएस सुमित्रा’ ने सोमालिया के पूर्वी तट पर ईरानी झंडा लगे मछली पकड़ने के जहाज पर समुद्री दस्युओं के हमले के बाद उस पर सवार चालक दल के 19 पाकिस्तानी सदस्यों को बचाया था। जहाज ने मछली पकड़ने वाले ईरानी जहाज ‘इमान’ पर समुद्री डकैती का प्रयास विफल कर दिया था। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा था कि सोमालिया के पूर्वी तट पर समुद्री दस्यु रोधी एक और सफल अभियान में ‘आईएनएस सुमित्रा’ ने मछली पकड़ने वाली नौका अल नईमी और उसके चालक दल के 19 सदस्यों को 11 सोमाली समुद्री दस्युओं से बचाया।

अदन की खाड़ी में जहाज में लगी आग के बाद लोगों को बचाया

वहीं, भारतीय नौसेना ने शनिवार, 27 जनवरी को अदन की खाड़ी में एक मालवाहक तेल टैंकर पोत पर लगी आग पर काबू पा लिया। नौसेना ने पोत द्वारा मांगी गई मदद पर यह कार्रवाई की। पोत के चालक दल में 22 भारतीय थे और उस पर मिसाइल से किए गए हमले के बाद आग लग गई थी। मार्शल द्वीप-ध्वजांकित जहाज एमवी मार्लिन लुआंडा से शुक्रवार रात की गई मदद के आह्वान के बाद भारतीय नौसेना ने जहाज की सहायता के लिए अपने युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम को तैनात किया था।

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नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने नई दिल्ली में कहा कि एमवी मार्लिन लुआंडा के चालक दल के साथ भारतीय नौसेना के अग्निशमन दल ने छह घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। जहाज पर मिसाइल हमला कथित तौर पर ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों द्वारा किया गया था। यह हमला लाल सागर के साथ-साथ अदन की खाड़ी में सुरक्षा स्थिति को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच हुआ। इस जहाज का संचालन ब्रिटेन की कंपनी ओसियोनिक्स सर्विसेज द्वारा किया जा रहा था।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 1 February 2024 at 16:07 IST