Updated May 2nd, 2024 at 18:48 IST
कोरोना वैक्सीन को लेकर भारतीय कंपनी की आई पहली प्रतिक्रिया, Covaxin के बारे में बताया सबकुछ; जानिए
Corona Vaccine Covaxin: कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर भारतीय कंपनी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
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Corona Vaccine Covaxin: कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर भारतीय कंपनी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। भारत बायोटेक ने एक्स के जरिए बताया है कि कोवैक्सीन को सबसे पहले लोगों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करके विकसित किया गया था।
कंपनी ने क्या कहा?
भारत बायोटेक ने एक्स पर लिखा- 'Covaxin भारत सरकार के COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम में एकमात्र COVID-19 वैक्सीन थी, जिसने भारत में प्रभावकारिता परीक्षण किए थे। इसे क्लिनिकल ट्रायल मोड में प्रतिबंधित उपयोग के तहत लाइसेंस दिया गया था, जहां कई लाख विषयों के लिए विस्तृत सुरक्षा रिपोर्टिंग की गई थी। Covaxin की सुरक्षा का मूल्यांकन भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भी किया गया था।'
कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स से कितना खतरा?
इससे पहले कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर ब्रिटिश कंपनी के कबूलनामे के बाद लोग डर गए। आपको बता दें कि संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलाडा ने आईएएनएस को बताया- 'थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक सिंड्रोम (TTS) दुर्लभ लेकिन बहुत गंभीर प्रतिकूल प्रभावों में से एक है जो वैक्सीन-प्रेरित इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (VITTP) के हिस्से के रूप में हुआ है। यह घटना 50,000 में से एक के बराबर (0.002 प्रतिशत) रही है, लेकिन एक बड़ी आबादी में यह संख्या काफी बड़ी हो जाती है।'
संक्रामक रोगों से जुड़े जानकारों के मुताबिक, वैक्सीन के लाभ जोखिमों से कहीं अधिक होते हैं। कोविड टीकों ने लाखों लोगों को मरने से रोका है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में टीकाकरण से डरकर टीकाकरण से इनकार करने के कारण 232,000-318,000 लोगों की मौत केवल कोरोना वायरस से हुई है।
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जानकारों का कहना है कि यूरोपीय देशों में महामारी की शुरुआत में ही TTS की सूचना मिली थी, लेकिन भारत में यह बहुत दुर्लभ था। टीटीएस एक बहुत ही दुर्लभ दुष्प्रभाव है, जो यूरोपीय लोगों की तुलना में भारतीयों और दक्षिण एशियाई लोगों में अभी भी दुर्लभ है। इसके अलावा भारत सरकार के पास यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि टीकाकरण ने जिंदगियां बचाईं।
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Published May 2nd, 2024 at 18:28 IST
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