अपडेटेड 8 September 2025 at 09:09 IST
दुश्मनों पर बाज से भी तेज नजर रखेगा भारत, सेना में शामिल होगा घातक जासूसी ड्रोन; इंडियन आर्मी की बढ़ेगी ताकत
भारतीय सेना दुश्मनों पर बाज से भी तेज नजर रखने के लिए जासूसी ड्रोन शामिल करने जा रहा है। दुश्मनों की अब खैर नहीं रहेगी।
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भारत अपने दुश्मनों पर बाज से भी तेज नजर रखने की तैयारी कर रहा है। भारतीय सेना में एक ऐसा जासूसी ड्रोन शामिल हो रहा है, जिससे आसमान से ही दुश्मनों पर कड़ी नजर रहेगी। हाल ही में पाकिस्तान के आतंकियों के खिलाफ जो भारतीय सेना ने जो ऑपरेशन सिंदूर चलाया, इसमें भी इस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। अब इसे उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा।
यह एक अपडेटेड रडार सिस्टम है, जो सेना के आकाशतीर एयर डिफेंस सिस्टम से जुड़ेंगे और एयर स्ट्राइक में दागे जाने वाले ड्रोन या अन्य हवाई खतरों को पहले ट्रैक करेगा और फिर उसे टारगेट करेगा। भारतीय सेना की ओर से दो रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) का प्रस्ताव डाला है, ताकि सप्लायर्स से इसके बारे में जानकारी हासिल हो सके।
LLLR-E और ADFCR-DD ड्रोन की होगी तैनाती
बता दें, भारतीय सेना ने जो दो रिक्वेस्ट डाले हैं, एक प्रपोजल में 45 लो लेवल लाइट वेट रडार एन्हांस्ड (LLLR-E) और दूसरा 48 एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार-ड्रोन डिक्टेटर शामिल है। इसके अलावा 10 लो लेवल लाइट वेट रडार इम्प्रूव्ड (LLLR-I) की मांग भी की है। LLLR-I एक 3डी एक्टिव इलेक्ट्रनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार एयर डिफेंस क्षेत्र की निगरानी करेगा।
50 किमी की रेंज तक होगी नजर
इन ड्रोनों के जरिए टारगेट को ढूंढ़कर उसे ट्रैक किया जाएगा और फिर टारगेट से कितना खतरा है, यह देखकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह पहाड़ों के साथ-साथ रेगिस्तान, तटों और ऊपरी इलाकों में ऑपरेट करेगा। इसमें 50 किलोमीटर की रेंज में यह 100 से ज्यादा टारगेट को ट्रैक करने की क्षमता होगा।
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हथियार सिस्टम को टारगेट की जानकारी भेजेगा ड्रोन
इसकी खास बात यह भी है कि इसमें मौजूद इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (EOTS) और पैसिव रेडियो-फ्रीक्वेंसी डिटेक्शन सिस्टम छोटे ड्रोनों के सिग्नक को पकड़ेगा और फिर 10 किलोमीटर तक की रेंज तक हथियार के सिस्टम को टारगेट से जुड़ी सभी जानकारी भेजेगा।
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 8 September 2025 at 08:34 IST