अपडेटेड May 7th 2025, 17:28 IST
India-Pakistan: पाकिस्तान को उसी की भाषा में भारत ने फिर से जवाब दिया है। 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ। 26 निर्दोष और निहत्थे लोगों को आतंकवादी धर्म पूछकर मार गए। लश्कर से जुड़े आतंकवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली। हालांकि पाकिस्तान इस हमले पर खुद को निर्दोष बताने में लगा था और स्थिति ये थी कि आतंकवादियों को लेकर उसने कोई कदम नहीं उठाए। अब भारत ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया है कि वो सदियों तक याद रखेगा। एक तरीके से भारत ने हालिया हमले से आतंकवाद से सालों का पुराना हिसाब भी बराबर कर लिया है। खैर, इसको लेकर दूसरे मुल्कों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जिनमें चीन भी शामिल है।
पहलगाम को लेकर जवाबी कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद नाजुक हो चुके हैं, जिसमें चीन अपना ढोंग शुरू करने के लिए कूद पड़ा है। बिना बात चीन मध्यस्थता की बात कर रहा है। चीन ने कहा कि वो तनाव कम करने में मदद के लिए तैयार है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जिया ने बीजिंग में नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अपनी प्रतिक्रिया में कहा है- ‘चीन ने बुधवार को भारत की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई पर खेद व्यक्त किया है। भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें हटाया नहीं जा सकता और दोनों चीन के भी पड़ोसी हैं। चीन सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। भारत और पाकिस्तान दोनों से शांति और स्थिरता को प्राथमिकता देने, शांत रहने और संयम बरतने तथा ऐसी कार्रवाइयों से बचने का आह्वान करता है जो स्थिति को और जटिल बना सकती हैं। हम मौजूदा तनाव को कम करने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने के इच्छुक हैं।’
चीन ने अपने इस बयान में एक तरफ आतंकवाद का विरोध किया है तो दूसरी तरफ आतंकवाद पर भारत की कार्रवाई को लेकर दुख जता रहा है। वैसे भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि चीन अपने फायदे के लिए पाकिस्तान का सपोर्ट ही करेगा, क्योंकि उसका अरबों-खरबों के प्रोजेक्ट आतंकियों को पालने वाले मुल्क में चल रहे हैं।
पब्लिश्ड May 7th 2025, 17:28 IST