अपडेटेड 9 November 2024 at 23:29 IST

भारत के पास महासागरों की निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र है: नौसेना प्रमुख

नौसेना प्रमुख ने कहा चीन दुनिया के किसी भी हिस्से में जो कुछ भी करता है, उसे करने दें। वे हमारे हित वाले क्षेत्र में क्या करते हैं, हम उस पर कड़ी नजर रख रहे।

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Navy Chief Admiral Dinesh K Tripathi
Navy Chief Admiral Dinesh K Tripathi | Image: X- @IndiannavyMedia

नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने कहा है कि भारत के पास महासागरों की निगरानी के लिए एक प्रभावी तंत्र है तथा यह इस बात से पूरी तरह से अवगत है कि ‘‘कौन कहां है और कौन क्या कर रहा है’’ ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश के हितों के साथ कोई समझौता न हो।

नौसेना प्रमुख ने दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा दोहरे विमानवाहक पोत संचालन को भी खारिज करते हुए कहा कि ‘‘इससे हमें चिंतित होने की जरूरत नहीं है।’’

भारतीय नौसेना द्वारा शुक्रवार शाम आयोजित राष्ट्रव्यापी क्विज प्रतियोगिता ‘थिनक्यू 2024’ के ग्रैंड फिनाले के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए त्रिपाठी ने यह भी कहा कि भारत अपने ‘‘हित के क्षेत्र’’ में गतिविधियों पर ‘‘कड़ी नजर’’ रखता है।

उन्होंने ये टिप्पणियां यहां एझिमाला नौसेना अकादमी में श्रीलंका के साथ सहयोग के माध्यम से क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर पूछे गए सवाल के जवाब में कीं।

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नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘चीन दुनिया के किसी भी हिस्से में जो कुछ भी करता है, उसे करने दें। वे हमारे हित वाले क्षेत्र में क्या करते हैं, हम उस पर कड़ी नजर रख रहे हैं। दुनिया के हमारे हिस्से में ऐसा कुछ भी नहीं होता है जिसके बारे में हमें पता न हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नौसेना हमारे क्षेत्रों पर बहुत कड़ी नजर रख रही है ताकि भारत के राष्ट्रीय हितों के साथ कहीं भी, किसी भी तरह से कोई समझौता न हो।’’

नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘जब इनकी इकाइयां, चाहे वे सैन्य हों या गैर-सैन्य, हिंद महासागर क्षेत्र में काम करती हैं तो हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे राष्ट्रीय हितों से समझौता न हो। महासागरों पर नजर रखने के लिए हमारे पास एक शानदार संगठन है और हम यह अच्छी तरह जानते हैं कि कौन कहां है और कौन क्या कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि दोहरे विमान परिचालन से देश को कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम कई वर्षों से ये दोहरे विमान परिचालन करते आ रहे हैं।’’

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त्रिपाठी ने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना को उन दो युवा महिला नौसेना अधिकारियों पर बहुत गर्व है जो अब ‘नाविका सागर परिक्रमा-2’ के तहत एक नाव में सवार होकर विश्व का चक्कर लगाने के मिशन पर हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वे शनिवार को ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले बंदरगाह पर पहुंच रहे हैं। यात्रा के दौरान, वे दुनियाभर में केवल चार बंदरगाहों पर ही जाएंगे। यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण यात्रा है, क्योंकि उन्हें समुद्र और खराब मौसम का सामना करना पड़ेगा। लेकिन वे अच्छी तरह से सुसज्जित और प्रशिक्षित हैं। उन्हें पहले से ही 36,000 समुद्री मील का प्रशिक्षण प्राप्त है।’’

उन्होंने कहा कि नवाचार नौसेना की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और भारतीय नौसेना हमेशा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शीर्ष पर बने रहना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने अधिकारियों और कैडेट की भर्ती एक प्रक्रिया के तहत करते हैं। हम योग्यता का आकलन करते हैं। मुझे (संसाधनों की) गुणवत्ता की चिंता नहीं है जो हमें मिल रही है।’’

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 9 November 2024 at 23:29 IST