अपडेटेड April 27th 2025, 23:33 IST
भारत और फ्रांस के बीच आखिरकार राफेल डील पर सोमवार को मुहर लगने वाली है। भारत के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए दोनों देशों के बीच 63,000 करोड़ की डील होने जा रही है। इस डील के बाद से भारतीय नौसेना की ताकत और भी बढ़ जाएगी। पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच भारत के लिए ये बड़ी खुशखबरी है। भारत के दुश्मनों की अब खैर नहीं होगी।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारी और भारत में फ्रांस के राजदूत हस्ताक्षर समारोह में दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व करेंगे। सूत्रों ने बताया कि रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, जबकि फ्रांस और भारत के रक्षा मंत्री दूर से ही इसमें भाग ले सकते हैं। इससे पहले, फ्रांसीसी रक्षा मंत्री व्यक्तिगत पर इस डील के हस्ताक्षर समारोह में भाग लेने वाले थे। हालांकि व्यक्तिगत कारणों की वजह से उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने इस महीने की शुरुआत में इस डील को मंजूरी दे दी थी। जानकारी के अनुसार फ्रांस के प्रतिनिधि रविवार देर रात तक आएंगे, और सोमवार को रवाना हो जाएंगे।
भारतीय विमानवाहक पोतों, खास तौर पर INS विक्रांत, जो अभी सेवा में है, पर तैनाती के लिए 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की तत्काल आवश्यकता है। रखरखाव संबंधी समस्याओं के कारण मिग-29के लड़ाकू विमानों के मौजूदा बेड़े ने कथित तौर पर खराब प्रदर्शन किया। राफेल एम जेट विमानों को भारतीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुकूलित किया जाएगा और उन्हें INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ स्वदेशी लड़ाकू जेट को भी तैयार किया जा रहा है। ऐसे में जबतक स्वदेशी लड़ाकूी जेट तैयार नहीं हो जाता, तब तक इन वाहक-जनित लड़ाकू विमानों को एक अस्थायी समाधान के रूप में खरीदा जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि हस्ताक्षर समारोह साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय मुख्यालय के बाहर आयोजित होने की संभावना है। फ्रांसीसी मंत्री के रविवार शाम को भारत पहुंचने और सोमवार देर शाम को रवाना होने की उम्मीद है। भारत ने इस महीने की शुरुआत में 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक के दौरान 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए अपने अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दी थी।
दोनों देशों के इस कॉन्ट्रैक्ट में 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर जेट शामिल हैं, साथ ही बेड़े के रखरखाव, रसद सहायता, कार्मिक प्रशिक्षण और स्वदेशी घटक निर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज भी शामिल है। राफेल एम जेट आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे और मौजूदा मिग-29K बेड़े का समर्थन करेंगे। भारतीय वायु सेना पहले से ही 2016 में हस्ताक्षरित एक अलग सौदे के तहत हासिल किए गए 36 राफेल विमानों का बेड़ा संचालित कर रही है। ये विमान अंबाला और हासीमारा में तैनात हैं। नए सौदे से भारत में राफेल जेट की कुल संख्या 62 हो जाएगी।
पब्लिश्ड April 27th 2025, 23:33 IST