अपडेटेड 18 August 2025 at 21:01 IST

'मतभेद कभी संघर्ष नहीं बनना चाहिए...', चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद बोले जयशंकर, किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद MEA एस जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों के बीच किन मुद्दों पर बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि मतभेद कभी संघर्ष नहीं बनना चाहिए।

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Fight Against Terrorism 'Major Priority': Jaishankar Emphasizes Zero Tolerance To Chinese Counterpart
भारत-चीन के बीच इन मुद्दों पर हुई चर्चा। | Image: X

चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) भारत की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे हुए हैं। चीनी विदेश मंत्री और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच बैठक हुई। इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि मतभेदों को विवाद या प्रतिस्पर्धा में नहीं बदलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों में किसी भी सकारात्मक गति का आधार सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने की क्षमता है। बता दें, चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक के दौरान अपने उद्घाटन भाषण में, MEA जयशंकर ने कहा कि चीनी नेता की भारत यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करती है और यह वैश्विक स्थिति और आपसी हित के कुछ मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का भी उपयुक्त समय है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे, तीर्थयात्रा, लोगों से लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान-प्रदान शामिल होंगे। जयशंकर ने कहा, "मैं कुछ विशेष चिंताओं पर बात करना चाहूंगा जो मैंने जुलाई में चीन यात्रा के दौरान आपके सामने रखी थीं।"

NSA डोभाल से भी मिलेंगे चीनी विदेश मंत्री

MEA ने कहा कि चीनी नेता कल भारत के विशेष प्रतिनिधि, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ सीमा मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच वार्ता का 24वां दौर होगा। उन्होंने कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे संबंधों में किसी भी सकारात्मक गति का आधार सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति और सौहार्द बनाए रखने की क्षमता है। यह भी आवश्यक है कि तनाव कम करने की प्रक्रिया आगे बढ़े।"

भारत-चीन के बीच अंतर्राष्ट्रीय स्थिति पर हुई चर्चा

उन्होंने आगे कहा, "जब दुनिया के दो सबसे बड़े देश मिलते हैं, तो स्वाभाविक है कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर चर्चा होगी। हम एक निष्पक्ष, संतुलित और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था चाहते हैं, जिसमें एक बहुध्रुवीय एशिया भी शामिल हो। सुधारित बहुपक्षवाद भी आज की आवश्यकता है।"

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विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वर्तमान परिवेश में, वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना और उसे बढ़ाना भी स्पष्ट रूप से आवश्यक है। उन्होंने कहा, "आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के विरुद्ध लड़ाई हमारी एक और प्रमुख प्राथमिकता है। मैं हमारे विचारों के आदान-प्रदान की प्रतीक्षा में हूं। कुल मिलाकर, हमारी आशा है कि हमारी चर्चाएं भारत और चीन के बीच एक स्थिर, सहयोगात्मक और प्रगतिशील संबंध बनाने में योगदान देंगी, जो हमारे हितों की पूर्ति करेगा और हमारी चिंताओं का समाधान करेगा।"

'भारत-चीन ने कठिन दौर देखा': MEA जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने संबंधों में एक कठिन दौर देखा है और अब आगे बढ़ना चाहते हैं। "हमारे संबंधों में एक कठिन दौर देखने के बाद, अब दोनों देश आगे बढ़ना चाहते हैं। इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से एक स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इस प्रयास में, हमें तीन परस्पर सिद्धांतों - आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित - से निर्देशित होना चाहिए। मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए, न ही प्रतिस्पर्धा संघर्ष।"

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इन मुद्दों पर हो रही बातचीत

उन्होंने आगे कहा कि आज हमारी बातचीत में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे, तीर्थयात्राएं, लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान-प्रदान शामिल होंगे। मैं कुछ विशेष चिंताओं पर आगे बात करना चाहूंगा, जो मैंने जुलाई में चीन यात्रा के दौरान आपके सामने रखी थीं।"

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 18 August 2025 at 21:01 IST