अपडेटेड 17 May 2025 at 22:47 IST
पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश की टूटेगी कमर, भारत ने दे दिया तगड़ा झटका, रेडीमेड गारमेंट्स समेत इन चीजों के आयात पर प्रतिबंध
पाकिस्तान के बाद भारत ने बांग्लादेश की कमर तोड़ने की तैयारी कर ली है। भारत ने बांग्लादेश के RMG समेत कई चीजों के आयात पर बैन लगा दिया है।
- भारत
- 2 min read

बांग्लादेश भारत के चिन नेक कहे जाने वाले सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर नजर गड़ाए बैठा था। इस बीच भारत ने बांग्लादेश को गहरी चोट दे दी है। पाकिस्तान के बाद अब भारत ने बांग्लादेश की कमर तोड़ने की तैयारी कर ली है। दरअसल, बांग्लादेश के अंतरिम मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की विवादास्पद टिप्पणी के बाद भारत ने अपने पूर्वोत्तर भूमि बंदरगाहों - असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम - और पश्चिम बंगाल में फुलबारी और चंगराबांधा के माध्यम से बांग्लादेशी रेडीमेड गारमेंट्स (RMG) और अन्य उत्पादों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
नए प्रतिबंधों के कारण बांग्लादेश को रेडीमेड गारमेंट्स (आरएमजी), प्लास्टिक, मेलामाइन, फर्नीचर, जूस, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, बेकरी आइटम, कन्फेक्शनरी और प्रोसेस्ड फूड्स सहित निर्यात को पश्चिम बंगाल में कोलकाता बंदरगाह या महाराष्ट्र में न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से पुनर्निर्देशित करना पड़ेगा। चूंकि बांग्लादेश की तरफ से भारत में 93 फीसदी निर्यात पहले इन भूमि मार्गों से होता था। ऐसे में भारत सरकार के इस कदम का बांग्लादेश के आरएमजी क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, यह बंदरगाह प्रतिबंध भारत से होकर नेपाल और भूटान जाने वाले बांग्लादेशी सामानों पर लागू नहीं होगा।
भारत को 740 मिलियन US डॉलर के कपड़े निर्यात करता है
बता दें, बांग्लादेश भारत को सालाना लगभग 740 मिलियन अमरीकी डॉलर की कीमत के कपड़े निर्यात करता है। भारतीय अधिकारियों ने इस कदम का बचाव "निष्पक्ष व्यापार" सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम के रूप में किया। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेश को भारत के पूर्वोत्तर बाजारों तक अप्रतिबंधित पहुंच प्राप्त है, जबकि वह भारतीय निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है।
भारतीय सामानों पर प्रति टन प्रति KM 1.8 टका शुल्क लगाता है
बता दें, बांग्लादेश भारतीय वस्तुओं पर प्रति टन प्रति किलोमीटर 1.8 टका शुल्क लगाता है। इसका मतलब ये है कि बांग्लादेश का घरेलू दर 0.8 टका से दोगुना है। एक भारतीय अधिकारी ने बताया, "बांग्लादेश पारस्परिकता के बिना बाजार तक पहुंच नहीं बना सकता। सालों से भारत ने समान रिटर्न के बिना रियायतें दी हैं। यह निर्णय संतुलन को बहाल करता है।"
Advertisement
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 17 May 2025 at 22:47 IST