अपडेटेड 17 May 2025 at 21:02 IST

BrahMos: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के रक्षा व्यापार में आ सकता है बड़ा उछाल... ब्रह्मोस खरीदने के लिए लंबी कतार, किन देशों ने दिखाई रुचि?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में कई देशों ने रूचि लगाई है। भारत के रक्षा व्यापार में बड़ा उछाल आ सकता है।

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BrahMos supersonic cruise missile successfully test-fired from the Indian Air Force's frontline fighter aircraft Sukhoi 30 MKI
ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई देश भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर करना चाहते हैं डील। | Image: ANI

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की सशस्त्र सेनाओं ने पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेस पर सटीक और योजनाबद्ध तरीके से हमले किए। इन हमलों में अत्याधुनिक मिसाइलों और आधुनिक गाइडेड हथियारों का उपयोग किया गया, जिसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल शामिल है। इस हमले में पाकिस्‍तान के चार एयरफोर्स एयरबेस रावलपिंडी (चकलाला एयरबेस), जकोबाबाद, भोलारी और स्‍कर्दू तबाह हो गए। ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत की चर्चा अब दुनियाभर में हो रही है। इतना ही नहीं, कई देशों ने तो भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की  डील करने के लिए इच्छा भी जता दी है।

भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के इच्छुक देशों में थाईलैंड, सिंगापुर, ब्रुनेई, ब्राजील, चिली, अर्जेंटीना, वेनेजुएला, मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और ओमान का नाम शामिल है। इन देशों ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रूचि दिखाई है।

ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल एक अत्याधुनिक, बहु-प्रभावी मिसाइल प्रणाली है जिसे भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम “ब्रह्मोस एयरोस्पेस” ने विकसित किया है। यह विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। ब्रह्मोस का नाम नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी से लिया गया है। यह BrahMos Aerospace Pvt. Ltd. (भारत का DRDO और रूस का NPOM का संयुक्त उद्यम) है।

कई प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है ब्रह्मोस

इसकी स्‍पीड लगभग 2.8 से 3.0 Mach (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है। इसकी रेंज करीब 290 KM है। ब्रह्मोस को कई प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है। इसे जमीन से, जहाज से, पनडुब्बी से लॉन्‍च किया जा सकता है। ब्रह्मोस का निर्यात कुछ मित्र देशों को करने की योजना है। फिलीपींस इसका पहला विदेशी ग्राहक बन चुका है। ब्रह्मोस की सुपरसोनिक गति के कारण इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल होता है। यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम है और इसकी सटीकता बेहद उच्च है। एक बार लॉन्च करने के बाद यह लक्ष्य को खुद खोज लेता है। 

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 17 May 2025 at 21:02 IST