Published 17:10 IST, September 28th 2024
180 सेकेंड की देरी की वजह से टूटा IIT में एडमिशन का सपना, CJI चंद्रचूड़ ने दिया मदद का आश्वासन
महज कुछ सेकेंड की देरी की वजह से मजदूर के बेटे का IIT में पढ़ने का सपना टूट गया। मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो CJI ने मदद का आश्वासन दिया।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक दलित लड़के का इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में पढ़ने का सपना महज कुछ सेकेंड की देरी की वजह से टूट गया। हालांकि, ये मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने मदद का भरोसा जताया।
मामला मुजफ्फरपुर जिले के टिटोरा गांव का है, जहां एक दलित परिवार के लड़के ने घर पर रहकर ऑनलाइन मदद से पढ़ाई की और IIT की परीक्षा पास कर ली, लेकिन एडमिशन प्रोसेस और डेडलाइन की वजह से उसका एडमिशन नहीं हो पाया। लड़के का नाम अतुल है और उसके पिता राजेंद्र पेशे से एक मजदूर हैं। एग्जाम क्लीयर होने के बाद अतुल को IIT धनबाद का सीट आवंटित किया गया। एलॉटेड सीट पर अपना एडमिशन कन्फर्म करने के लिए अतुल को 24 जून तक 17500 रुपए जमा करने थे।
रिजल्ट आने के महज 4 दिनों के अंदर जमा करना था पैसा
अतुल का रिजल्ट जिस दिन आया, उसके महज 4 दिन के भीतर उसे ये फीस जमा करनी थी। एक मजदूर परिवार के लिए अचानक से इतने पैसे इकट्ठा कर पाना थोड़ा मुश्किल था। फिर भी किसी तरह अतुल के परिवार ने ये रकम जमा कर ली। अब इस रकम को अतुल को अपने भाई के अकाउंट से बताए गए पोर्टल के खाते में जमा करना था। इसके लिए अतुल के पास वक्त बहुत कम था। अतुल जबतक खाते में पैसा जमा कराता तबतक डेडलाइन खत्म हो गई। 24 जून को शाम 5 बजे से ठीक 3 मिनट पहले ही IIT की साइट बंद हो गई और उसका एडमिशन रद्द कर दिया गया।
SC और HC से भी नहीं मिल सकी मदद
इसके बाद अतुल अपने पिता के साथ मदद के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से कुछ नहीं हो पाया। इसके बाद वो झारखंड के राज्य विधि सेवा प्राधिकरण से मदद लेने पहुंचा। हालांकि, वहां से भी उसे मदद नहीं मिली। इसके बाद उसने मद्रास हाईकोर्ट में अपनी याचिका डाली, लेकिन वहां भी निराशा ही हाथ लगी। इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
CJI ने मदद का दिलाया भरोसा
CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की ट्रिपल बेंच ने तत्काल आईआईटी मद्रास के आईआईटी प्रवेश संबंधी ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी से जवाब तलब किया। अतुल ने जिस संघर्ष से गुजरकर ये सफलता हासिल की और उसके परिवार की जो स्थिति है, उसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि उनसे जहां तक हो सकेगा इस मामले में मदद करेंगे।
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Updated 17:10 IST, September 28th 2024