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अपडेटेड May 6th 2025, 18:12 IST

युद्ध के दौरान कैसे जान बचाई जा सकती है? आम नागरिकों के लिए क्या रहेगा प्रोटोकॉल?

युद्ध की स्थिति में स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर रणनीति तैयार की जाती है। इसलिए हमेशा स्थानीय अधिकारियों और सरकारी अलर्ट को प्राथमिकता देनी चाहिए।

Reported by: Digital Desk
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How can lives be saved during war mock drill
युद्ध के दौरान कैसे बचाई जा सकती है जान? | Image: ANI

India Pakistan Tension : 'आतंकिस्तान' को सबक सीखाने के लिए भारत ने तैयारी शुरू कर दी है। हर भारतीय कह रहा है कि इस बार आतंक के आकाओं का फाइनल हिसाब होना बेहद जरूरी है। सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए। भारत सरकार और सेना की तैयारी देख ऐसा लग रहा है कि सीमा से कभी भी बड़ी खबर आ सकती है। भारत की सैन्य कार्रवाई में क्या हो सकता है? इसके बारे में फिलहाल कुछ भी कहा नहीं जा सकता।

देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल का होना, आतंकियों के खिलाफ सेना को खुली छूट देना और दिल्ली में हर रोज होती हाई लेवल बैठक युद्ध जैसी परिस्थितियां की तरफ इशारा कर रही हैं। इस तनाव की स्थिति में भारतीय सेना तो तैयार है ही, लेकिन हर भारतीय को भी तैयार रहना चाहिए। भारत-पाकिस्तान में अगर युद्ध हुआ तो आपनी जान कैसे बचाई जा सकती है? युद्ध की स्थिति में कुछ उपाय कर खतरों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

युद्ध में कैसे जान बचाई जा सकती है?

हमला होने पर सबसे पहले आपको सुरक्षित स्थान की तलाश करनी होगी। बमबारी या गोलीबारी के दौरान तुरंत किसी बंकर, मजबूत इमारत या गहरी खाई में छिपने की कोशिश करें। ऐसी स्थिति में खुली जगहों में रहने से बचना चाहिए। अगर आप अपने घर पर हैं, तो खिड़कियों या कांच के पास न रहें और घर की खिड़की-दरवाजें बंद रखें।

ऐसे स्थिति में जानकारी और सतर्कता सबसे महत्वपूर्ण होती है। स्थानीय समाचार, रेडियो या सरकारी अलर्ट सुनें ताकि हमले या खतरे की जानकारी मिलती रहे।

आपातकालीन तैयारी

अगर कोई देश युद्ध क्षेत्र में है, तो स्थिति किसी भी हद तक बदतर हो सकती है। इसलिए आपके पास आपातकालीन किट होनी चाहिए, जिसमें पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, टॉर्च और जरूरी दवाइयां हों। इसके अलावा अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, पासपोर्ट को भी सुरक्षित रखें। आपको प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए और स्थानीय अस्पतालों या मेडिकल कैंप की जानकारी भी रखें।

छिपने और बचाव की रणनीति

अगर आपके आसपास दुश्मन हमला करता है तो सबसे जमीन पर लेट जाएं और अपने सिर को हाथों से ढकें रखें। रात के अंधेरे में रोशनी का उपयोग नहीं करना चाहिए, इससे दुश्मन का ध्यान आपकी तरफ आ सकता है। संभव हो तो ग्रुप में रहें, भीड़भाड़ वाली जगहों से दूरी बनाएं। अगर आपको अधिक खतरा महसूस हो रहा है तो वो जगह छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर जाएं। अपनी परिवार या दोस्तों के साथ पहले से संचार का तरीका तय करें।

आम लोगों के लिए प्रोटोकॉल

युद्ध में सेना के लिए तो प्रोटोकॉल होते ही है, लेकिन आम लोगों के लिए भी कुछ दिशा निर्देश जरूरी होते हैं। अगर आप किसी युद्ध क्षेत्र में रहते हैं, तो ऐसे में लोगों को अपने घरों में रहने के लिए कहा जाता है। आम नागरिकों को किसी भी तरह के संघर्ष से दूर रहने की सलाह दी जाती है। युद्ध शुरू होने पर अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के नियम और प्रोटोकॉल लागू होते हैं। जो आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए है। जिसके तहत आम नागरिकों पर हमला करने की मनाही होती है।

युद्ध की स्थिति में स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर रणनीति तैयार की जाती है। इसलिए हमेशा स्थानीय अधिकारियों और सरकारी अलर्ट को प्राथमिकता देनी चाहिए। अगर सेना या राहत टीमें कोई निर्देश देती हैं, तो उनका सख्ती से पालन करें। सबसे जरूरी, किसी भी संदिग्ध वस्तुओं जैसे बम या माइंस को बिल्कुल न छुएं।

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पब्लिश्ड May 6th 2025, 18:12 IST