अपडेटेड 29 February 2024 at 17:12 IST
हिमाचल में होगा तख्तापलट? अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस विधायकों ने खटखटाया HC का दरवाजा
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश से बड़ी खबर सामने आ रही है। अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस विधायकों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
- भारत
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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश से बड़ी खबर सामने आ रही है। अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस विधायकों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 6 कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है।
क्या हैं आरोप?
अयोग्य ठहराए गए विधायकों पर आरोप हैं कि इन विधायकों ने राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए हाल ही में हुए चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ की थी। उन्होंने वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी व्हिप की अवहेलना करते हुए विधानसभा में बजट पर मतदान से भी परहेज किया था। इसे उन्हें अयोग्य घोषित करने का कारण बताया जाता है।
अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्टो, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं। संकट के बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी विधायकों के साथ नाश्ते पर बैठक की।
शिमला शहरी सीट से विधायक हरीश जनारथा ने बैठक से पहले कहा, "यह सिर्फ एक मुलाकात है और देखते हैं कि बैठक में क्या होता है।" बैठक में क्या हुआ और कितने विधायक वहां मौजूद थे, इसका तत्काल पता नहीं चल सका, लेकिन ज्यादातर विधायकों ने कहा कि सरकार स्थिर है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
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नाश्ता बैठक जारी रहने के बीच हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पठानिया ने छह बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित करने की घोषणा की। पठानिया ने बुधवार को विधायकों की अयोग्यता पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
'विधायकों ने कांग्रेस व्हिप की अवहेलना'
पठानिया ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि विधायकों ने कांग्रेस व्हिप की अवहेलना की जिसके कारण उन पर दलबदल रोधी कानून लागू होता है क्योंकि वे पार्टी के टिकट पर चुने गए थे।
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ये छह विधायक अयोग्य घोषित किए जाते हैं और ये तत्काल प्रभाव से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं रहेंगे।’’ इन विधायकों ने मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ की थी और बाद में वे विधानसभा में बजट पर मतदान के समय भी अनुपस्थित रहे।
पठानिया द्वारा 15 भाजपा विधायकों को निलंबित किए जाने के बाद सदन ने वित्त विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था। हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने मंगलवार को राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट जीत ली थी और इसके उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया था।
राज्य में राजनीतिक संकट के बीच, हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को घोषणा की कि वह सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद छोड़ रहे हैं, लेकिन कुछ घंटों बाद उन्होंने कहा कि वह अपने इस्तीफे के लिए दबाव नहीं डालेंगे।
कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षकों-भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार ने यहां विधानसभा भवन के पास एक होटल में पार्टी विधायकों के साथ बैठक की, लेकिन राज्यसभा चुनाव के दौरान ‘क्रॉस वोटिंग’ करने वाले छह विधायक शहर में नहीं थे।
विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष दलबदल रोधी कानून पर एक याचिका पर सुनवाई के लिए उपस्थित होने के बाद वे वापस पंचकूला चले गए। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 68 सदस्य हैं जिसमें कांग्रेस के 40, भाजपा के 25 और तीन निर्दलीय विधायक हैं।
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(इनपुटः PTI)
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 29 February 2024 at 16:50 IST