अपडेटेड 4 July 2025 at 15:04 IST
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही मचा रखी है, 20 जून के बाद राज्य में 43 लोगों की मौत और 37 लोग लापता हो चुके हैं। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के मुताबिक, इन घटनाओं में राज्य को अब तक 5000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का आर्थिक नुकसान हो चुका है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बादल फटने से 14 लोगों की मौतें हुई हैं, अचानक आई बाढ़ से 8 लोग मारे गए, भूस्खलन में एक की जान गई और 7 लोग डूब गए, वहीं अन्य हादसों में 13 लोगों की मौत हुई है।
पिछले 2 हफ्तों में दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है और कई सड़कें बंद हैं। वहीं बिजली-पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है। राज्य में NDRF और SDRF की टीमें अलर्ट पर है। कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। बता दें, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि बचाव और पुनर्वास कार्य तेजी से चल रहे हैं। राज्य में मुख्य रूप से किन्नौर, चंबा, कुल्लू और मंडी जिलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों के पास न जाएं और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें साथ ही अनावश्यक यात्रा से बचें। हालांकि पिछले 24 घंटों में बारिश की तीव्रता कुछ कम हुई है, फिर भी कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश रिकॉर्ड की गई। अघर में 71 मिमी, घाघस में 38 मिमी, शिमला और सराहन में 36 मिमी, नगरोटा सूरियां और कंडाघाट में 31 मिमी, नेरी में 29 मिमी, करसोग में 27 मिमी, कांगड़ा में 22 मिमी और पालमपुर में 21 मिमी बारिश दर्ज की गई।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, प्रदेश में 280 सड़कें बंद पड़ी हैं, 332 ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं और 700 से ज्यादा पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान मंडी में हुआ है, जहां 30 जून की रात बादल फटने और तेज बारिश से भारी तबाही मची। यहां अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 लोग अभी भी लापता हैं। सिराज विधानसभा क्षेत्र में स्थिति सबसे गंभीर है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं। जिले में 148 सड़कें अब भी बंद हैं, 353 ट्रांसफार्मर और 605 जल योजनाएं बंद हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं।
पब्लिश्ड 4 July 2025 at 15:04 IST