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Published 18:25 IST, September 12th 2024

हरियाणा चुनाव: BJP की श्रुति चौधरी ने किया नामांकन, बोलीं- 'क्षेत्र के विकास को लेकर करेंगी कार्य'

श्रुति चौधरी ने तोशाम सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ उनकी मां और राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी भी मौजूद थीं।

Reported by: Nidhi Mudgill
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Shruti Chaudhary filed nomination
श्रुति चौधरी ने दाखिल किया नामांकन | Image: @Shruti4Progress

Shruti Choudhary Filed Nomination: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला और पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती और बीजेपी उम्मीदवार श्रुति चौधरी समेत कई नेताओं ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है।

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रमोहन ने पंचकूला विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। वहीं, राज्य की 90 विधानसभा सीट के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होगा और मतगणना आठ अक्टूबर को होगी।

तोशाम सीट से श्रुति चौधरी का नामांकन

आदित्य सुरजेवाला ने कैथल विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। आदित्य के साथ उनके पिता और राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला भी थे। श्रुति चौधरी ने तोशाम सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ उनकी मां और राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हरियाणा प्रभारी बिप्लब कुमार देब भी थे।

PC : @Shruti4Progress

यहां से श्रुति जीत चुकी हैं लोकसभा चुनाव

इस मौके पर श्रुति चौधरी ने कहा कि वे इससे पहले भी लोकसभा का चुनाव जीत चुकी है। क्षेत्र के विकास को लेकर वे निरंतर कार्य करेंगी और आने वाले दिनों मे जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में मतदान की अपील करेंगी।

कांग्रेस उम्मीदवार अशोक अरोड़ा ने कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी थे। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का बृहस्पतिवार को अंतिम दिन है।

PC : @Shruti4Progress

विनेश फोगाट की जीतना आसान नहीं

पहलवान से राजनेता बनीं और हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस उम्मीदवार विनेश फोगाट ने राजनीति के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है। कुश्ती से संन्यास ले चुकी है। राजनीति में आने के पहले रेलवे की नौकरी छोड़ दी। ले-देकर राजनीति बची है और उसमें सामने जो चुनौती खड़ी हो चुकी हैं, उसके बाद ये कहना शायद ही गलत होगा कि विनेश फोगाट का करियर एक बड़े संकट की ओर बढ़ सकता है।

कांग्रेस उम्मीदवार विनेश फोगाट के लिए जुलाना को जीतना आसान नहीं है। जुलाना विधानसभा क्षेत्र में ओलंपियन पहलवान फोगाट के खिलाफ एक नहीं-दो नहीं, बल्कि 4-4 धुरंधर मैदान में खड़े हैं। जुलाना में अगर देखा जाए तो सीधे तौर पर हर एक राजनीतिक पार्टी का मुकाबला विनेश फोगाट से ही होगा। आम आदमी पार्टी, जेजेपी और इनेलो उम्मीदवारों के मैदान में आने से यहां भारतीय जनता पार्टी फायदे की स्थिति में हो सकती है, जो विनेश फोगाट के लिए सबसे बड़ी चिंता होगी।

जुलाना में किस पार्टी से कौन उम्मीदवार?

  • कांग्रेस- विनेश फोगाट
  • बीजेपी- योगेश बैरागी
  • AAP- कविता दलाल
  • इनेलो- सुरेंद्र लाठर
  • जेजेपी- अमरजीत ढांडा

जुलाना में विनेश के सामने कड़ी टक्कर

विनेश फोगाट ने जुलाना को इसलिए चुना कि यहां उनका ससुराल है। जुलाना में बख्ता खेड़ा गांव उनके पति सोमवीर राठी का पैतृक गांव है। पेरिस ओलंपिक में जिस तरह के घटनाक्रम में वो पदक से चूकीं थी और उससे लोगों में जो सहानुभूति की लहर जगी, उसी की बदौलत विनेश फोगाट जीत की उम्मीद लेकर चल रही हैं। विनेश का कहीं ना कहीं सोचना यही होगा कि खेल के मैदान में जो प्यार लोगों ने दिया, ठीक उसी तरह राजनीति के अखाड़े में लोग उनका हौसले बढ़ाएंगे और जीत दिलाएंगे। खैर, ये सोचने और देखने में ही अच्छा लग सकता है, जबकि सतही तौर पर परिस्थितियां बदल जाती हैं।

जाटों की सीट है जुलाना 

जुलाना विधानसभा क्षेत्र जाट बहुल है। योगेश बैरागी को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख कैंडिडेट जाट समुदाय से आते हैं, जिनमें विनेश फोगाट के अलावा AAP की कविता दलाल, इनेलो के सुरेंद्र लाठर और जेजेपी के अमरजीत ढांडा शामिल हैं। जातीय आंकड़ों को समझें तो तकरीबन 80 हजार जाट वोटर्स जुलाना में हैं, जबकि पिछड़ा वर्ग से करीब 33 हजार और एससी वर्ग से 29 हजार से अधिक वोटर्स आते हैं। ऐसे में अगर जाट वोट बैंक बंटता है और विनेश के सामने जेजेपी-आप और इनेलो पार्टियां वोट कटवा साबित होती हैं तो सबसे बड़ा फायदा बीजेपी उम्मीदवार को मिल सकता है।

कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड विनेश के लिए चुनौती

इसको समझना होगा कि जुलाना सीट पर कांग्रेस पार्टी का ट्रैक रिकॉर्ड ज्यादा ठीक नहीं रहा है। 15 साल से जुलाना की जनता ने कांग्रेस को कदम जमाने नहीं दिए हैं। आखिरी बार कांग्रेस यहां 2005 में जीती थी। उसके बाद से 2 बार इनेलो और पिछली बार जेजेपी का खाता खुला था। विनेश के लिए एक चुनौती तब और बढ़ जाती है, जब जेजेपी ने अपने उसी उम्मीदवार पर दांव लगाया है, जिसने 2019 के चुनाव में पार्टी को जीत दिलाई थी। बहरहाल, ओलंपियन विनेश फोगाट सियासी जंग में बुरी तरह फंस गई हैं।

विनेश फोगाट, PC : PTI

हरियाणा में 5 अक्टूबर को चुनाव

हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को चुनाव होगा और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीफ 12 सितंबर है। हरियाणा में मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी और कांग्रेस ने 30 सीटें जीतीं। इस बार बीजेपी को उम्मीद है कि वो चुनाव जीतने के साथ सरकार में लौटने की हैट्रिक लगाएगी। हालांकि 10 साल से सत्ता से दूर रहने वाली कांग्रेस इस बार चुनाव में पार्टी को जीवित रखने की लड़ाई लड़ रही है। आम आदमी पार्टी के अलावा स्थानीय दल जेजेपी-इनेलो इस मुकाबले को और दिलचस्प बना रही हैं।

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Updated 18:34 IST, September 12th 2024