अपडेटेड 23 December 2025 at 15:15 IST

Hanskhali Gangrape Case: नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म कांड में पूर्व TMC नेता के बेटे और दो अन्य को आजीवन कारावास

पश्चिम बंगाल : हंसखाली में 2022 के नाबालिग सामूहिक दुष्कर्म कांड और मौत मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 9 आरोपियों को दोषी ठहराया है। परिवार को इंसाफ के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी, आखिरकार उन्हें न्याय मिला। 

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Hanskhali gang rape case
हंसखाली सामूहिक दुष्कर्म कांड | Image: ANI/ Representative Image

Hanskhali gang rape case: पश्चिम बंगाल में हंसखाली गैंगरेप और नाबालिग की मौत के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें पूर्व TMC नेता के बेटे समेत 9 लोगों को दोषी करार दिया गया। पूर्व TMC नेता के बेटे और 2 अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

2022 की इस घटना ने राज्य को हिला कर रख दिया था, जिससे लोगों में आक्रोश था। हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने मामले की जांच की थी। जिसके बाद अब रानाघाट कोर्ट ने 9 आरोपियों को दोषी करार दिया। मामले में 9 आरोपियों में TMC के पूर्व पंचायत सदस्य समरेंद्र गयाली भी शामिल था जिसे 5 साल की सजा सुनाई गई है। मुख्य आरोपी सोहेल और दो साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। प्रभाकर पोद्दार और रणजीत मल्लिक को उम्रकैद की सजा मिली है।

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिला इंसाफ 

लंबी कानूनी लड़ाई और गवाहों के बयानों के आधार पर पीड़ित परिवार को आज इंसाफ मिला है। परिवार ने न्याय की गुहार लगाई थी। दिल दहला देने वाली ये घटना 4 अप्रैल 2022 को हुई थी। 14 साल की किशोरी को एक सत्तारूढ़ दल के पंचायत नेता के बेटे की जन्मदिन पार्टी में बुलाया गया था। आरोप है कि उसी दौरान उसके साथ गैंगरेप हुआ। गंभीर रूप से घायल होने के बाद किशोरी की तबीयत बिगड़ गई और अगले दिन उसकी मौत हो गई। पीड़िता की मौत के बाद उसका शव जल्दबाजी में जला दिया गया। आरोप है कि यह अंतिम संस्कार आरोपियों के दबाव में किया गया, ताकि सबूत मिटाए जा सकें। इस कदम ने मामले को और गंभीर बना दिया और पूरे राज्य में भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने CBI को सौंपी थी जांच

मामले की गंभीरता और राजनीतिक रसूख को देखते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसकी जांच CBI को सौंप दी थी। लंबी कानूनी लड़ाई और गवाहों के बयानों के आधार पर, अदालत ने पाया कि आरोपितों ने न सिर्फ दुष्कर्म किया, बल्कि साक्ष्य छिपाने के लिए शव का अवैध रूप से दाह संस्कार भी करवाया। मुख्य आरोपियों में स्थानीय तृणमूल नेता समरेंद्र गयाली का बेटा शामिल था, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था। 2022 की घटना के बाद पीड़ित परिवार को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी, जिसके बाद आज उन्हें इंसाफ मिला। 

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Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 23 December 2025 at 15:15 IST