Published 21:30 IST, October 3rd 2024
सरकार ने खाद्य तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दी, 10,103 करोड़ रुपये खर्च होंगे
सरकार ने भारत को खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10,103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ खाद्य तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दी है।
सरकार ने बृहस्पतिवार को भारत को खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10,103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ खाद्य तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Edible Oils and Oilseeds) को मंजूरी दी है। भारत अपनी खाद्य तेल की वार्षिक जरूरत का 50 प्रतिशत से अधिक आयात करता है।
सरकार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘अगले सात वर्षों में तिलहन उत्पादन मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से मंत्रिमंडल ने वर्ष 2024-25 से वर्ष 2030-31 के लिए 10,103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (एनएमईओ-तिलहन) को मंजूरी दी है।’’
सरकार ने कहा कि मिशन का लक्ष्य वर्ष 2022-23 के प्राथमिक तिलहन उत्पादन को 3.9 करोड़ टन से बढ़ाकर वर्ष 2030-31 तक 6.97 करोड़ टन करना है।
इसमें कहा गया है, ‘‘इसका उद्देश्य तिलहन की खेती को अतिरिक्त 40 लाख हेक्टेयर में बढ़ाना है।’’
भारत, इंडोनेशिया और मलेशिया से पामतेल तथा ब्राजील और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल का आयात करता है। यहां सूरजमुखी को मुख्य रूप से रूस और यूक्रेन से आयात किया जाता है।
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Updated 21:30 IST, October 3rd 2024