अपडेटेड 15 June 2024 at 15:30 IST
पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्योता, PM मोदी के लिए क्या मायने रखेगा ये दौरा?
इटली में पोप फ्रांसिस के साथ PM नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई। मोदी यहां पोप से गले मिले और दोनों को हल्के-फुल्के अंदाज में बातचीत करते हुए देखा गया।
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PM Modi invites Pope Francis to India: एशिया में दूसरी सबसे बड़ी कैथोलिक आबादी वाला देश भारत जल्द पोप फ्रांसिस के दौरे की उम्मीद कर रहा है। इटली में जी-7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्योता दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि वो लोगों की सेवा करने और हमारे ग्रह को बेहतर बनाने के लिए पोप फ्रांसिस की प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हैं।
जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत एक 'आउटरीच राष्ट्र' के रूप में शामिल हुआ। इसके लिए इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी को विशेष निमंत्रण भेजा था। पीएम मोदी इतालवी पीएम जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली गए। यहीं पिछले दिन पोप फ्रांसिस के साथ प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। इसी दौरान मोदी पोप से गले भी मिले। नरेंद्र मोदी को पोप के साथ हल्के-फुल्के अंदाज में बातचीत करते हुए देखा गया। बताया जाता है कि मोदी ने पोप से उनका हालचाल जाना था। प्रधानमंत्री मोदी खुद बताते हैं कि उन्हें (पोप फ्रांसिस) भारत आने का निमंत्रण भी दिया।
पोप फ्रांसिस से PM मोदी की दूसरी मुलाकात
ये दूसरा मौका था, जब पोप के साथ नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई। इसके पहले अक्टूबर 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने वेटिकन के अपोस्टोलिक पैलेस में पोप फ्रांसिस के साथ मुलाकात की थी। दोनों ने कोविड-19 महामारी के अलावा कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की थी। नरेंद्र मोदी 2013 में कैथोलिक चर्च के प्रमुख बने पोप से मिलने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। उसके अलावा ये जून 2000 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री और पोप के बीच पहली बैठक थी। पोप से मिलने वाले आखिरी भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे, जिन्होंने 2000 में वेटिकन में जॉन पॉल द्वितीय से मुलाकात की थी।
जॉन पॉल द्वितीय भारत आने वाले आखिरी पोप
जॉन पॉल द्वितीय भारत आने वाले आखिरी पोप थे। वो एशिया में चर्च पर एक पोप दस्तावेज जारी करने के लिए 1999 में नई दिल्ली आए थे। अब तक 3 ही ऐसे मौके आए थे, जब पोप ने भारत का दौरा किया। पोप पॉल VI भारत आने वाले पहले पोप थे। वो 1964 में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मुंबई आए थे। दूसरी (फरवरी 1986 ) और तीसरी बार (नवंबर 1999) में पोप जॉन पॉल II ने भारत का दौरा किया था। प्रधानमंत्री कार्यालय एक बयान में कहता है कि भारत और कैथोलिक चर्च की वेटिकन स्थित सरकार में मित्रता वाले रिश्ते हैं और ये 1948 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के समय से ही हैं।
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पोप का भारत आना मोदी के लिए क्या मायने रखता है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2017 में पोप फ्रांसिस को भारत का दौरा कराने की कोशिश की थी। मोदी ने पोप फ्रांसिस को न्योता दिया था और उस समय पोप ने निमंत्रण को स्वीकार भी कर लिया था। हालांकि 2017 में माहौल अनुकूल ना होने की स्थिति में पोप की यात्रा टल गई थी। अभी अगर पोप फ्रांसिस भारत की यात्रा करते हैं तो ये खासतौर पर पीएम नरेंद्र मोदी के लिए एक सफलता होगी। वो इसलिए भी कि पोप फ्रांसिस न्योते को स्वीकार करते हुए भारत आते हैं तो ये उनका पहला दौरा होगा।
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Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 15 June 2024 at 15:30 IST