अपडेटेड 26 December 2024 at 23:22 IST
Manmohan Singh: वो वित्त मंत्री जिनका कार्यकाल है यादगार, देश को आर्थिक संकट से उबारने के लिए दुनिया मानती है लोहा
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रूप में भूमिका निभाई थी। वित्त मंत्री के तौर पर भी उन्होंने अपना लोहा मनवाया था।
- भारत
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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार, 26 दिसंबर को निधन हो गया। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। वो लंबे समय से बीमार थे। गुरुवार को घर पर अचानक बेहोश होने के बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल लाया गया। कई डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही थी। मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका। प्रधानमंत्री के तौर पर ही नहीं वित्त मंत्री के रूप में भी उन्होंने अपना लोहा मनवाया था।
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रूप में भूमिका निभाई थी। वो भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री थे। पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और तत्कालीन पीएम नरेंद्र मोदी के बाद चौथे सबसे लंबे समय तक पीएम पद पर रहने वाले प्रधानमंत्री थे। मनमोहन सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता मे से एक थे। डॉक्टर मनमोहन सिंह को सियासत और अर्थशास्त्र का 'पंडित' कहा जाता था।
देश को आर्थिक संकट से उबारने में लोहा मनवाया
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र के 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह को दुनिया भर में उनकी आर्थिक विद्वता तथा कार्यों के लिए सम्मान दिया जाता था। जब देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा था, तो उनके कई बड़े फैसलों ने देश को विकास की दिशा में नई ऊर्जा दी। मनमोहन सिंह के नाम कई बड़ी उपलब्धियां दर्ज हैं। देश के प्रति उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी।
इन अहमों पदों को भी संभाला
मनमोहन सिंह 1971 में भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए थे। इसके तुरंत बाद 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति हुई। वो जिन सरकारी पदों पर रहे उनमें वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी शामिल है।
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वित्त मंत्री के तौर रूप यादगार कार्यकाल
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह 1991 से 1996 के बीच भारत के वित्तमंत्री के रूप जो भूमिका निभाई उसे आज भी याद किया जाता है। उनके करियर का महत्वपूर्ण मोड़ 1991 में नरसिंह राव सरकार में भारत के वित्त मंत्री के रूप में सिंह की नियुक्ति था। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को अब दुनिया भर में आज भी सराहा जाता है।
नोटबंदी का किया था खुलकर विरोध
मनमोहन सिंह ने जुलाई, 1991 के बजट में अपने प्रसिद्ध भाषण में कहा था, पृथ्वी पर कोई भी ताकत उस विचार को नहीं रोक सकती जिसका समय आ गया है। मैं इस प्रतिष्ठित सदन को सुझाव देता हूं कि भारत का दुनिया में एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में उदय होना चाहिए, यह एक ऐसा ही एक विचार है। उन्होंने पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने इसे संगठित और वैध लूट कहा था।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 26 December 2024 at 23:22 IST