अपडेटेड 11 May 2025 at 22:35 IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर को आया मिस्र समकक्ष का फोन, आतंकवाद पर भारत के जीरो टॉलरेंस की सराहना की

भारत की वैश्विक साख और मजबूत विदेश नीति का असर एक बार फिर दिखा, जब मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को खुद फोन कर हालात पर चर्चा की।

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Jaishankar at Trump Inauguration
विदेश मंत्री एस जयशंकर | Image: PTI

India Egypt Relations: भारत की वैश्विक साख और मजबूत विदेश नीति का असर एक बार फिर दिखा, जब मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को खुद फोन कर हालात पर चर्चा की। बातचीत में डॉ. जयशंकर ने आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति दोहराई। साथ ही भारत-मिस्र के आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की संभावनाओं पर भी मंथन हुआ। एस. जयशंकर ने कहा कि वह मिस्र के मंत्री का भारत में स्वागत करने को उत्सुक हैं।

7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में आधिकारिक तौर पर दुनिया को ब्रीफ करने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया हैंडल पर एक लाइन का मैसेज पोस्ट किया था । इसमें ऑपरेशन सिंदूर का प्रतीक और उसके साथ उन्होंने एक लाइन लिखी थी कि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए।

भारत आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रुख जारी रखेगा- जयशंकर

इसके बाद जब सोशल मीडिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और पाकिस्तान के विदेश मंत्री दुनिया को इस बात की जानकारी दे रहे थे कि दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हो गया है, तो उस वक्त विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया संदेश में इस बात की जानकारी तो दी, लेकिन साथ ही भी कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बिना समझौता वाली नीति पर चलता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत आतंक के खिलाफ इस रुख कायम रहेगा। 

दुनिया का आतंक के खिलाफ भारत को समर्थन 

भारत ने पहलगाम हमले के बाद दुनिया के सभी कोनों से आतंक के खिलाफ भारत को समर्थन मिला, देशों ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की थी और पीड़ितों के साथ सहानुभूति जताई थी। बड़े देशों के साथ साथ सभी छोटे बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पीएम को फोन कर समर्थन जताया। इसके बाद भारत ने दुनिया की बिरादरी के साथ डिप्लोमैटिक आउटरीच कायम करनी शुरू कर दी थी। दिल्ली में करीब सभी विदेशी मिशनों के प्रतिनिधियों के साथ भारत ने अपने रुख को लेकर जानकारी शेयर की, जिससे कि पाकिस्तान को डिप्लोमैटिक स्तर पर आइसोलेट किया जा सके। उस दौरान कई दिनों तक दुनिया की बिरादरी के सभी देशों के साथ डिप्लोमैटिक इंगेजमेंट की गई थी।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 11 May 2025 at 22:35 IST