अपडेटेड 18 October 2025 at 14:33 IST
'अब पाकिस्तान ने की हिमाकत तो ऑपरेशन सिंदूर से भी बड़ा मिलेगा जवाब', Ex अर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने बताया- भविष्य में कैसा होगा युद्ध
भारत के सबसे हाई प्रोफाइल और प्रभावशाली मिलिट्री कॉन्क्लेव (Forces First Conclave) में EX एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और EX आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की।
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भारत के सबसे हाई प्रोफाइल और प्रभावशाली मिलिट्री कॉन्क्लेव (Forces First Conclave) में EX एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और EX आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की। पैनल डिस्कशन में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जनरल मनोज पांडे ने कहा कि पारंपरिक युद्ध प्रणाली आगे भी प्रासंगिक बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी अभियान में पहले वायु वर्चस्व स्थापित करने के लिए लड़ाई लड़ी जाती है। जनरल पांडे ने यह भी कहा कि भविष्य में अगर पाकिस्तान ने हिमाकत की तो उसे ऑपरेशन सिंदूर से भी बड़ा जवाब मिलेगा।
वहीं पूर्व वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को उसके ही एयर स्पेस से वंचित रखा। वो एक गोली भी नहीं चला सके जबकि हमने इच्छानुसार जवाबी कार्रवाई की। पूर्व आर्मी चीफ ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को उसके ही एयर स्पेस से वंचित रखकर बढ़त बनाई।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को कोई कार्रवाई करने का अवसर नहीं मिला, जबकि भारतीय वायुसेना ने पूरी तरह अपनी रणनीति के अनुसार जवाबी फायर किया। मौजूदा समय के युद्ध प्रणाली का जिक्र करते हुए EX एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने बताया कि आधुनिक युद्धों में सटीक लक्ष्य साधना और न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करना सबसे अहम होता है। आज की लड़ाइयां सटीक निशानेबाजी और कम से कम क्षति पर केंद्रित होती हैं।
'युद्ध की प्रकृति बदल रही है'- लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा
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फोर्सेस फर्स्ट कॉन्क्लेव में लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा, आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने रणनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण संबोधन दिया। "स्वॉर्ड ऑफ ऑनर" प्राप्त कर चुके जनरल शर्मा ने भारत से उभरते वैश्विक परिदृश्य को सक्रिय रूप से आकार देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमें केवल नई विश्व व्यवस्था के अनुरूप ढलना नहीं है, बल्कि उसे पुनर्गठित करने में अग्रणी भूमिका निभानी है।”
जनरल शर्मा ने बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि "युद्ध की प्रकृति बदल रही है।" उन्होंने इस परिवर्तन का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे ईरान, हिज़बुल्लाह और हमास जैसे गैर-राज्यीय तत्वों द्वारा ड्रोन हमलों जैसी विघटनकारी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जैसा कि इजराइल से जुड़े संघर्षों में देखा गया है।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 18 October 2025 at 14:33 IST