अपडेटेड 18 October 2025 at 11:14 IST
'जब हम नेशन फर्स्ट कहते हैं, तो हम सेना फर्स्ट भी कहते हैं', Forces First Conclave 2025 में बोले एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी
Forces First Conclave 2025: दिल्ली में रिपब्लिक वर्ल्ड के फोर्सेस फर्स्ट कॉन्क्लेव 2025 में एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने वर्तमान युग को "द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे सैन्यीकृत दशक" कहा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया कि नए युग के युद्धक्षेत्र में भारत की प्रतिक्रिया कैसी थी।
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Forces First Conclave 2025: देश का सबसे बड़ा नेटवर्क रिपब्लिक मीडिया शनिवार (18 अक्टूबर) को फोर्सेस फर्स्ट कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहा है। इस समिट की थीम 'वैश्विक संघर्षों के युग में जीवन' विषय पर आधारित है। इसकी शुरुआत करते हुए एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने सेना के शौर्य को सलाम किया।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (CLAWS) के सहयोग से रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क फोर्सेस फर्स्ट कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहा है। कॉन्क्लेव में इंडियन आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, लेफ्टिनेंट जनरल अजय चांदपुरिया, लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत पेंडारकर, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव गाई, लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान देकुना, लेफ्टिनेंट जनरल दुष्यंत सिंह (CLAWS), एयर मार्शल दीप्तेंदु चौधरी, लेफ्टिनेंट जनरल एमयू नायर, लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट, लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला और मेजर जनरल जीडी बख्शी शिरकत कर रहे हैं।
हमें आपकी उपलब्धियों पर गर्व है- अर्नब गोस्वामी
फोर्सेस फर्स्ट कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए अर्नब गोस्वामी ने कहा कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क का एक ही सिद्धांत है। जब आप हमारे स्टूडियो में आएंगे तो आपको सबसे पहले न्यूज फर्स्ट नहीं, नेशन फर्स्ट दिखाई देगा। जब हम नेशन फर्स्ट, तो हम सेना फर्स्ट भी कहते हैं। हम भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिक नेतृत्व में विश्वास करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह नेटवर्क आपका नेटवर्क है। हम आपके साथ खड़े हैं। मुझे अपने नेटवर्क की ओर से यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सिर्फ ठोस बातें थीं, कोई प्रचार नहीं था। हमें आपकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है।
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अर्नब गोस्वामी ने कहा कि हम अनिश्चितता के दौर में हैं और इससे जूझ रहे हैं। हमारा उत्थान वैश्विक व्यवस्था में जबरदस्त उथल-पुथल के साथ हुआ है। यूक्रेन से लेकर ताइवान जलडमरूमध्य से लाल सागर तक आज दुनिया में 40-45 से ज्यादा सक्रिय संघर्ष चल रहे हैं। दुनिया द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से 'सबसे ज्यादा सैन्यीकृत दशक' देख रही है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया कि नए युग के युद्धक्षेत्र में भारत की प्रतिक्रिया कैसी थी, जिस पर हमें एक मीडिया के रूप में और इस देश के नागरिक के रूप में गर्व है। जिस तरह से हमारी सेनाओं ने नेतृत्व किया और जिस तरह से उन्होंने प्रहार किया, उसने हमारे एकीकृत और बहु-क्षेत्रीय युद्ध करने की हमारी क्षमता को प्रदर्शित किया। इसने हमारी सटीकता और तकनीकी समन्वय, उन्नत संचार प्रणालियों से लक्ष्यों पर प्रहार और अद्भुत सटीकता का प्रदर्शन किया।
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उन्होंने कहा कि आकाशतीर प्रणाली से लेकर AI सक्षम प्लेटफॉर्म, ISRO सैटेलाइट, NavIC नेविगेशन सिस्टम और ड्रोन तक, इन सबने हमें रक्षा क्षेत्र में अपनी बढ़ती आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करने का अवसर दिया।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 18 October 2025 at 11:09 IST