अपडेटेड May 3rd 2025, 17:06 IST
Farooq Abdullah on Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की खूनी सुबह ने पूरे देश को गुस्से की आग में झोंक दिया। 26 निर्दोष पर्यटकों की जान लेने वाला आतंकी हमला सिर्फ एक वारदात नहीं, बल्कि भारत की सहनशक्ति की आखिरी हद को पार कर गया। देशभर में इस आतंकी हमले के बाद उबाल है। लोग सड़कों पर हैं, सोशल मीडिया पर ललकार रहें हैं, अब बहुत हो चुका, पाकिस्तान को जवाब चाहिए वो भी गाली से नहीं गोली से। इस माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तेवर भी साफ और सख्त है। एक खुले मंच से उन्होंने आतंकियों को सीधी चेतावनी दे दी है, 'अब उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा।' और इसके साथ ही भारतीय सेना को फ्री हैंड एक्शन की छूट दे दी गई है। यहां सबसे ज्यादा चौंकाने वाली घटना तब आई है जब जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला जो अक्सर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं, ने पहलगाम हमले के बाद इस मुद्दे पर अलग ही अंदाज में दिखाई दे रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद उनके सुर बदले हैं। वे पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त लहजे में बोलते नजर आए और मोदी सरकार के साथ मजबूती से खड़े दिखाई दिए।
क्या फारूक अब्दुल्ला की यह पोज़ीशन वक़्त की मजबूरी है या फिर जम्मू-कश्मीर से मिली जनभावना का असर है? क्या कश्मीर की सियासत अब नई करवट ले रही है? और सबसे बड़ा सवाल ये है कि सेना को मिली छूट क्या पाकिस्तान को आने वाले तूफान की आहट दे रही है? इन सवालों के जवाब फिलहाल वक्त के गर्भ में है, लेकिन संकेत साफ हैं, पहलगाम सिर्फ एक हमला नहीं था, यह भारत की रणनीति में एक निर्णायक मोड़ है। फारूक अब्दुल्लाह ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा, 'दरिदें इंसानियत का कत्ल करते हैं, वो इंसान नहीं, दरिदें हैं। वो अपने आप को मुसलमान कहते हैं, वो मुसलमान नहीं, शैतान हैं।' इतना ही नहीं उन्होंने दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों को सांत्वना देते हुए कहा कि 'इस गम में हम आपके साथ हैं। कुर्बानियां जाया नहीं होंगी। हम इसका जबर्दस्त बदला लेंगे। बेगुनाहों को मारा गया है। वो क्या समझते हैं कि वो जीत गए? न वो आज तक जीते हैं और न आगे कभी जीत पाएंगे।'
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, 'हमने जरूर उनको पानी बंद करने की धमकी दी है, लेकिन हम उनको मारेंगे नहीं, हम इतने जालिम नहीं हैं, जितने वो हैं उन्होंने अपनी अवाम पर जुल्म किया है। हालात देखिये, बलूचिस्तान में, सिंध में क्या हो रहा है? वो (पाकिस्तान) अपने देश को तो बचा नहीं सके और हमारे देश को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें वो कामयाब नहीं होंगे। हम कहेंगे (पर्यटकों को) आइये, आतंकवादियों और उस मुल्क को जवाब दीजिए, यहां लोग आएंगे, ये ही तमाचा है उस मुल्क पर। महबूबा ऐसी बातें मत कीजिए, हमारे पंडित भाइयों को यहां से निकाला, जवाब दीजिए। हम कभी आतंकवाद के साथ नहीं रहे हैं। ना हम कभी पाकिस्तानी थे, ना हैं और ना रहेंगे।
फारूक अब्दुल्ला का अमरनाथ यात्रा और आतंकवाद को लेकर कहा, 'हम आतंकवाद का खात्मा चाहते हैं। हमारा गरीब इलाका है, हमें खुदा ने एक ही चीज दी है, खूबसूरती... यहां का दरिया आज आंसू बहा रहा है। यहां आज मायूसी है। मैं अपने वतन के लोगों से कहता हूं, वो आएंगे, जरूर आएंगे, जल्दी आएंगे। जो अमरनाथ की यात्रा पर आ रहे हैं, उनको डर हो ही नहीं सकता है, उनकी रक्षा करने वाला यहां बाबा अमरनाथ है। डर उसको होगा, जिसके दिल में अमरनाथ जी नहीं होंगे। इंसान घर में भी बैठकर मर सकता है, अरे भाइयों आओ, बाबा के दर्शन करो, भोले बाबा के दर्शन करो..आ जाओ, ज्यादा से ज्यादा आ जाओ।
आतंकी हमले के बाद आज (3 मई) को JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम पहुंचकर पर्यटकों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “सबसे बड़ा संदेश यह है कि पर्यटक डरे हुए नहीं हैं। ये दिल खुश करता है। जो लोग डर पैदा करने की कोशिश कर रहे थे, वो हार गए हैं। वे (आतंकवादी) हार गए हैं। वो समझते थे कि हम लोग हिंदू और मुसलमान को अलग-अलग कर देंगे, वो हार गए हैं। जो सोचते हैं कि वो कश्मीर को हासिल करेंगे, वो हार गए। आज ये साबित हो गया है कि हम डरने वाले नहीं हैं। कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।”
पब्लिश्ड May 3rd 2025, 16:41 IST