अपडेटेड 6 December 2024 at 19:52 IST

दिल्ली को कम करने का भरसक प्रयास हुआ, PM मोदी ने दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्होंने दिल्ली और दिल से दूरी के भाव को कम करने का भरसक प्रयास किया है।

Follow : Google News Icon  
PM Modi Pays Homage to 26/11 Victims
दिल्ली को कम करने का भरसक प्रयास हुआ, PM मोदी ने दी जानकारी | Image: X

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि लंबे समय तक पूर्वोत्तर क्षेत्र को वोटों की संख्या से तौला गया, लेकिन जब से केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनी है, तब से उन्होंने दिल्ली और दिल से दूरी के भाव को कम करने का भरसक प्रयास किया है। राष्ट्रीय राजधानी स्थित भारत मंडपम में तीन दिवसीय अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर के आठ राज्यों, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में अष्टलक्ष्मी के दर्शन होते हैं और साथ ही विश्वास जताया कि आने वाला समय पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर का होगा।

उन्होंने कहा..

उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय तक हमने देखा है कि विकास को कैसे वोटों की संख्या से तोला गया। नॉर्थईस्ट के पास वोट कम थे, सीटें कम थीं, इसलिए पहले की सरकारों द्वारा वहां के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया।’’ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए अलग मंत्रालय गठित किए जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बीते दशक में हमने भरसक प्रयास किया कि दिल्ली और दिल, इससे दूरी का जो भाव है, वो कम होना चाहिए।’’

उन्होंने अष्टलक्ष्मी महोत्सव के आयोजन को पूर्वोत्तर क्षेत्र के बेहतर भविष्य का उत्सव करार देते हुए कहा कि यह विकास के नूतन सूर्योदय का भी उत्सव है, जो ‘विकसित भारत’ के मिशन को गति देने वाला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 100-200 साल के कालखंड को देखा जाए, तो सभी ने पश्चिम की दुनिया का एक उभार देखा और आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक हर स्तर पर दुनिया में पश्चिम क्षेत्र की छाप रही।

उन्होंने कहा, ‘‘संयोग से भारत में भी हमने देखा कि पश्चिम के क्षेत्र ने भारत के विकास की कहानी में बड़ी भूमिका निभाई है। इस पश्चिम केंद्रित कालखंड के बाद अब कहा जाता है 21वीं सदी पूर्व की है। एशिया की है। भारत की है। मेरा यह दृढ़ विश्वास है भारत में भी आने वाला समय पूर्वी भारत का है। हमारे पूर्वोत्तर का है।’’

Advertisement

मोदी ने कहा कि बीते दशकों में मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों को उभरते देखा गया, लेकिन आने वाले दशकों में गुवाहाटी, अगरतला, इंफाल, ईटानगर, गंगटोक, कोहिमा, शिलांग और आइजोल जैसे शहरों का नया उभार देखने को मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने अष्टलक्ष्मी के आठ रूपों की तुलना पूर्वोत्तर के राज्यों की अलग-अलग विशेषताओं से करते हुए कहा कि आज पूर्वोत्तर में निवेश के लिए बहुत उत्साह है।

Advertisement

उन्होंने कहा कि बीते एक दशक में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास की अद्भुत यात्रा रही है और यहां तक पहुंचना सरल नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर के राज्यों को भारत के विकास की कहानी से जोड़ने के लिए हमने हर संभव कदम उठाया। केंद्र सरकार के मंत्री 700 से अधिक बार पूर्वोत्तर के राज्यों में गए हैं। लोगों के साथ वहां लंबा समय गुजारा है। इससे सरकार का पूर्वोत्तर के साथ उसके विकास के साथ एक भावनात्मक संपर्क भी बना है। इससे वहां के विकास को अद्भुत गति मिली है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के विकास को गति देने के लिए 90 के दशक में एक नीति बनाई गई थी और इसके तहत केंद्र सरकार के 50 से ज्यादा मंत्रालयों को अपने बजट का 10 प्रतिशत पूर्वोत्तर में निवेश करना पड़ता था।

उन्होंने कहा, ‘‘इस नीति के बनने के बाद से लेकर साल 2014 तक जितना बजट पूर्वोत्तर को मिला है, उससे कहीं अधिक हमने सिर्फ बीते 10 सालों में दिया है। बीते दशक में सिर्फ एक योजना के तहत ही पांच लाख करोड रुपये से अधिक पूर्वोत्तर में खर्च किये गए हैं। यह पूर्वोत्तर को लेकर वर्तमान सरकार की प्राथमिकता दिखाता है।’’

उन्होंने कहा कि इस योजना के अलावा भी कई बड़ी विशेष परियोजनाएं पूर्वोत्तर भारत के लिए शुरू की गई हैं, जिनमें पीएम डिवाइन, स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम और नॉर्थ ईस्ट वेंचर फंड जैसी योजनाएं शामिल हैं और इनसे रोजगार के अनेक नए अवसर बने हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की औद्योगिक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए उन्नति योजना भी शुरू की गई है, जिससे नए उद्योगों के लिए बेहतर माहौल बनेगा और रोजगार के नए रोजगार अवसर भी बनेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर का क्षेत्र भारत के लिए भी नया है, लेकिन इसे गति देने के लिए भी पूर्वोत्तर के असम को चुना गया है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में जब इस प्रकार के नए उद्योग लगेंगे, तो देश और दुनिया के निवेशक वहां नयी संभावनाएं तलाशेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर को हम इमोशन, इकॉनमी और इकोलॉजी की त्रिवेणी से जोड़ रहे हैं। पूर्वोत्तर में हम सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं बना रहे हैं, बल्कि भविष्य की एक सशक्त नींव तैयार कर रहे हैं।’’ पूर्वोत्तर में संपर्क बढ़ाने के मकसद से रेल, रोड और उड्डयन क्षेत्र में उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इनसे लोगों के जीवन की गुणवत्ता में जबरदस्त सुधार हुआ है।

महोत्सव के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम में पूर्वोत्तर के विशेष उत्पादों की एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। महोत्सव की शुरुआत में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्वोत्तर की जानी-मानी हस्तियों ने अपनी कला की प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्य मंत्री सुकांत मजुमदार, पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और कई प्रमुख जानी-मानी हस्तियां उपस्थित थीं।

ये भी पढ़ें - Hair Care Tips: अब दोमुंहे बालों से मिलेगा छुटकारा, बस अपनाएं ये टिप्स

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 6 December 2024 at 19:52 IST