अपडेटेड 17 August 2025 at 16:33 IST
BIG BREAKING: हमारे लिए ना कोई पक्ष, ना विपक्ष-सब समकक्ष...वोट चोरी और SIR पर चुनाव आयोग ने दिया जवाब
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि भारत के संविधान के अनुसार 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले भारत के प्रत्येक नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए।
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Election Commissioner Press Confrence: नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हर सवाल का जवाब दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि भारत के संविधान के अनुसार 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले भारत के प्रत्येक नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए। आप सभी जानते हैं कि कानून के अनुसार, प्रत्येक राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण के माध्यम से होता है। फिर चुनाव आयोग समान राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है? चुनाव आयोग के लिए न तो कोई विपक्ष है और न ही कोई पक्ष। सभी समान हैं।
चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि चाहे किसी भी राजनैतिक दल का कोई भी हो, चुनाव आयोग अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटेगा। पिछले दो दशकों से लगभग सभी पार्टियां मतदाता सूची में गलतियों में सुधार की मांग करते रहे हैं और इसी मांग को पूरा करने के लिए ही चुनाव आयोग ने एसआईआर की शुरुआत बिहार से की। ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘इस प्रक्रिया में सभी मतदाता बूथ लेवल अफसर, सभी राजनैतिक दलों द्वारा नामित बीएलए ने मिलकर प्रारूप सूची तैयार की। जब यह तैयार की जा रही थी, तभी सभी दलों के साइन से सत्यापित की गई। इसमें गलतियां हटाने के लिए एक बार फिर से निर्धारित समय में सभी मतदाता, दल योगदान दे रहे हैं।’
‘भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही’
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, 'यह गंभीर चिंता का विषय है कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित BLA के सत्यापित दस्तावेज और टेस्टेमोनियल या तो उनके अपने राज्य या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं या फिर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है। सभी हितधारक मिलकर काम करके बिहार के SIR को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘कानून के अनुसार अगर समय रहते मतदाता सूचियों में त्रुटियां साझा न की जाए, अगर मतदाता की ओर से अपने उम्मीदवार को चुनने के 45 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर नहीं की जाए और फिर वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल करके जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास किया जाए, तो यह भारत के संविधान का अपमान नहीं तो और क्या है?’
ज्ञानेश कुमार ने कहा, 'हमने कुछ दिन पहले देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी अनुमति के मीडिया के सामने पेश की गईं। उन पर आरोप लगाए गए, उनका इस्तेमाल किया गया। क्या चुनाव आयोग को किसी भी मतदाता, चाहे वह उनकी मां हो, बहू हो, बेटी हो, उनके CCTV वीडियो साझा करने चाहिए? जिनके नाम मतदाता सूची में हैं, वे ही अपने उम्मीदवार को चुनने के लिए वोट डालते हैं।'
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 17 August 2025 at 15:42 IST