अपडेटेड 20 July 2025 at 23:02 IST

BREAKING: गुजरात के कच्‍छ में भूकंप के झटके, तीन दिनों में तीसरी बार धरती कांपने से दहशत में लोग

गुजरात के कच्‍छ में रविवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। जानकारी के मुताबिक रात 9 बजकर 47 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 दर्ज की गई।

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earthquake | Image: Pixabay

Earthquake: गुजरात के कच्‍छ में रविवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। जानकारी के मुताबिक रात 9 बजकर 47 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र खावड़ा से 20 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित था। हालांकि भूकंप से किसी भी तरह के हानि की कोई खबर नहीं है। लेकिन झटकों से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। 

बता दें कि कच्छ में पिछले तीन दिनों में भूकंप का ये तीसरा झटका है, जिससे इलाके में भूकंपीय गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। जानकारी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र खावड़ा से 20 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित था। हालांकि भूकंप से किसी भी तरह के हानि की कोई खबर नहीं है। बीते तीन दिनों में तीसरे झटके के कारण लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। भूकंप का पता चलते ही लोग घबरा गए और घरों से निकलकर बाहर भागने लगे।

भूकंप आने पर क्या करें

  • आप यदि घर के अंदर हों तो जमीन पर झुक जाए, किसी मजबूत मेज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें अथवा तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं।
  • किसी आंतरिक दरवाजे के लिन्टॅल (लेंटर), किसी कमरे के कोने में, किसी मेज अथवा यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रुककर अपने आपको बचाएं।
  • शीशे, खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें अथवा ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर), से दूर रहें।
  • भूकंप के शुरू होने पर, यदि आप उस समय पलंग पर हों तो पलंग पर ही रहें। अपने सिर पर किसी तकिए को ढककर बचाएं जब तक कि आप किसी भारी लाइट फिक्सचर जो गिर सकती हो, के नीचे न आएं। यदि ऐसी स्थिति हो तो पास के किसी सुरक्षित स्थान की ओर खिसक जाएं।
  • जब तक भूकंप के झटके न रुके तथा बाहर जाना सुरक्षित न हो तब तक अंदर रुके रहें। 

    यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें। तथापि बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें।
  • यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। भूकंप से संबंधित अधिकांष दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं।

क्‍यों आते हैं भूकंप के झटके

पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं, जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहते हैं। जानकारी के अनुसार, पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है। जब ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती हैं तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। इस जगह पर सबसे ज्यादा भूकंप का असर रहता है। हालांकि, भूकंप की तीव्रता अगर ज्यादा होती है तो इसके झटके काफी दूर तक महसूस किए जाते हैं।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 20 July 2025 at 22:36 IST