अपडेटेड 1 June 2025 at 10:34 IST
हमारी पृथ्वी पर एक दिन आज 24 घंटे का होता है, जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी- काम, आराम और मनोरंजन को पूरी तरह से तय करता है। लेकिन सोचिए अगर ये दिन 25 घंटे का हो जाए तो? ये सवाल जितना दिलचस्प है, उतना ही ये भविष्य में दूर की कोई संभावना भी है।
दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि मानव की अपनी जरूरत ने पृथ्वी के प्राकृतिक ढांचे को काफी बिगाड़ा है। पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है तो इससे हमारे ग्रह की जीवनधारा पर भी गहरे असर हुए हैं। खैर, चिंताजनक है पृथ्वी की गति का धीमा होना, जो कुछ हालिया रिपोर्ट के बाद सामने आया। इन रिपोर्ट्स में दो अलग-अलग वजह दी गईं, लेकिन दोनों का निष्कर्ष धरती की चाल के इर्द-गिर्द ही टिका है। नतीजन एक दिन ऐसा भी आएगा, जब हमारी धरती पर एक दिन 25 घंटे का होगा। आइए समझते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है।
साइंस मैग्जीन ‘नेचर जियोसाइंस’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, धरती की गति धीरे-धीरे धीमी हो रही है। इसका एक बड़ा कारण है पिघलते ग्लेशियर, जिनकी वजह से भूमध्य रेखा के आसपास पानी का जमाव बढ़ रहा है। इससे धरती अपनी धुरी पर उतनी तेजी से नहीं घूम पा रही है, जितनी पहले घूमती थी। इस बदलाव का असर धरती के मैग्नेटिक पोल पर भी पड़ रहा है।
हैरानी होगी कि लगभग 100 करोड़ साल पहले पृथ्वी का एक दिन लगभग 19 घंटे का था, लेकिन समय के साथ धरती की घूमने की गति धीमी होती गई और दिन की लंबाई बढ़कर 24 घंटे हो गई। ये बदलाव बहुत छोटे-छोटे स्तर पर होते रहते हैं, लेकिन लंबे समय में इसका बड़ा असर पड़ता है। ये भी याद रखना होगा कि 2021 में धरती की धीमी होने की रिपोर्ट आईं थी और जून 2022 में अब तक का सबसे छोटा दिन रिकॉर्ड हुआ था।
एक रिपोर्ट में बताया गया कि विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने ये खोजा है कि चंद्रमा हर साल करीब 3.8 सेंटीमीटर की रफ्तार से हमारी पृथ्वी से दूर हो रहा है। इतना स्पष्ट है कि चंद्रमा जितना दूर होगा, हमारी धरती की घूमने की गति उतनी ही धीमी हो जाएगी। इसी कारण कहा गया है कि भविष्य में एक दिन की लंबाई 25 घंटे तक पहुंच सकती है।
रॉयल हॉलोवे, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के प्रोफेसर डेविड वाल्थम ने समझाया है कि ये धीमा पड़ना ज्वार-भाटा के कारण होता है। चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी पर पानी की लहरें यानी ज्वार-भाटा पैदा करता है, जो धीरे-धीरे पृथ्वी के घूमने की रफ्तार को ब्रेक की तरह रोकता है। और बदले में पृथ्वी से ऊर्जा चंद्रमा को मिलती है, जो हमें छोड़कर धीरे-धीरे दूर भाग रहा है।
पब्लिश्ड 1 June 2025 at 10:34 IST