अपडेटेड 4 July 2025 at 19:11 IST
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने बड़े खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने उस दिन सीमा पर तीन दुश्मनों से लड़ाई की। सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान में सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं था, बल्कि चीन और तुर्किए भी इसमें गहराई से शामिल था। इन दो देशों ने पूरे संघर्ष के दौरान इस्लामाबाद को हथियार मुहैया कराए और उसका मार्गदर्शन किया।
उन्होंने यह भी पुष्टि की कि तुर्किए की सैन्य भूमिका भी जांच के दायरे में आई और तुर्किए के ड्रोन का इस्तेमाल भारतीय शहरों और रणनीतिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए किया गया। हालांकि, भारत के वायु रक्षा नेटवर्क ने सटीकता के साथ जवाब दिया और अधिकांश ड्रोन को नुकसान पहुंचाने से पहले ही रोक दिया। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने भारत की वायु रक्षा प्रणालियों में निरंतर प्रगति की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
फिक्की द्वारा आयोजित ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज’ कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण संबोधन के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने मई 2025 में भारत के सामने आने वाले बहु-मोर्चे के खतरे को उजागर किया। उन्होंने कहा, “हमारे पास एक सीमा और दो विरोधी थे, वास्तव में तीन। पाकिस्तान सबसे आगे था। चीन हर संभव सहायता मुहैया करा रहा था। चीन अपने हथियारों को दूसरे हथियारों के खिलाफ परखने में सक्षम है, इसलिए यह उनके लिए एक जीवित प्रयोगशाला की तरह है। तुर्किए ने भी इस तरह की सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
उन्होंने कहा, "यह कोई हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि यदि आप आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान को मिलने वाले सैन्य हार्डवेयर का 81 फीसदी हिस्सा चीनी है।" उन्होंने इस सबात की ओर इशारा करते हुए कहा कि लड़ाई के दौरान पाकिस्तान ने J-10 और JF-17 जैसे चीनी लड़ाकू विमानों, PL-15 मिसाइलों और HQ-9 वायु रक्षा प्रणालियों को सक्रिय रूप से तैनात किया था।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने यह भी खुलासा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच DGMO स्तर की वार्ता के दौरान, जब कूटनीति की कोशिश की जा रही थी, तब भी चीन पाकिस्तान को वास्तविक समय में भारतीय सैन्य वेक्टर भेज रहा था। जब डीजीएमओ स्तर की वार्ता चल रही थी, तब पाकिस्तान को चीन से हमारे महत्वपूर्ण वेक्टरों का लाइव अपडेट मिल रहा था।
उन्होंने 7 मई से 10 मई तक चले चार दिवसीय संघर्ष में महत्वपूर्ण मोड़ के बारे में बात करते हुए कहा, "एक पंच तैयार था। पाकिस्तान को एहसास हुआ कि अगर यह हुआ, तो वे बहुत बुरी स्थिति में होंगे। इसलिए उन्होंने युद्धविराम की मांग की।"
पब्लिश्ड 4 July 2025 at 18:47 IST